कबहुँ ना छूटी छठि मइया (Kabahun Na Chhooti Chhath)

कबहुँ ना छूटी छठि मइया,

हमनी से बरत तोहार

हमनी से बरत तोहार


तहरे भरोसा हमनी के,

छूटी नाही छठ के त्योहार

छूटी नाही छठ के त्योहार


अपने सरन में ही रखिह,

दिह आसिस हज़ार

दिह आसिस हज़ार


गोदिया भराईल छठी मइय्या,

बाटे राऊर किरपा अपार

बाटे राऊर किरपा अपार


चाहें रहब देसवा बिदेसवा,

छठ करब हम हर बार

छठ करब हम हर बार


डूबतो सुरुज के जे पूजे,

इहे बाटे हमर बिहार

इहे बाटे हमर बिहार


फलवा दउरवा सजाके,

अईनी हम घाट पे तोहार

अईनी हम घाट पे तोहार


दिहनी अरघ छठी मईया,

करीं हमर आरती स्वीकार

करीं हमर आरती स्वीकार


कबहुँ ना छूटी छठि मइया,

हमनी से बरत तोहार

हमनी से बरत तोहार


तहरे भरोसा हमनी के,

छूटी नाही छठ के त्योहार

छूटी नाही छठ के त्योहार

छूटी नाही छठ के त्योहार

छूटी नाही छठ के त्योहार

........................................................................................................
गुरु प्रदोष व्रत: शिव मृत्युञ्जय स्तोत्र का पाठ

प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को किया जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित तिथि है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मार्गशीर्ष मास में कृष्ण पक्ष के प्रदोष व्रत का वर्णन और महत्व धार्मिक ग्रंथों और पंचांग में बताया गया है।

मां वेदों ने जो तेरी महिमा कही है (Maa Vedon Ne Jo Teri Mahima Kahi Hai)

माँ वेदों ने जो तेरी महिमा कही है,
माँ वेदों ने जो तेरी महिमा कही है,

हो सके जो अगर श्याम मेरे(Ho Sake Jo Agar Shyam Mere)

हो सके जो अगर श्याम मेरे
जो हुआ सो हुआ भूल जाओ,

चंपा षष्ठी के दिन शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं

हिंदू धर्म में चंपा षष्ठी का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व भगवान शिव और उनके पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।