ये उत्सव बजरंग बाले का, ये लाल लंगोटे वाले का (Ye Utsav Bajrang Bala Ka Ye Lal Langote Wale Ka)

ये उत्सव बजरंग बाले का,

ये लाल लंगोटे वाले का,

वाह रे बजरंगी क्या कहना,

ऐ राम भक्त तेरा क्या कहना ॥


वो लांघ समुन्दर पार गया,

रावण की लंका जार गया,

लंका को जलाना क्या कहना,

रावण को डराना क्या कहना ॥


संजीवन बूटी लाने को,

लक्ष्मण के प्राण बचाने को,

पर्वत को उठाना क्या कहना,

लक्ष्मण को जिलाना क्या कहना ॥


श्री राम प्रभु को प्यारा है,

अहिरावण को जा मारा है,

ये राम दीवाना क्या कहना,

कहता है जमाना क्या कहना ॥


ये उत्सव बजरंग बाले का,

ये लाल लंगोटे वाले का,

वाह रे बजरंगी क्या कहना,

ऐ राम भक्त तेरा क्या कहना ॥

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फागण को महीनो, लिख दीन्यो बाबा जी के नाम (Fagan Ko Mahino Likh Dino Baba Ji Ke Naam)

फागण को महीनो,
लिख दीन्यो बाबा जी के नाम,

क्षिप्रा के तट बैठे है, मेरे भोले भंडारी (Shipra Ke Tat Baithe Hai Mere Bhole Bhandari)

क्षिप्रा के तट बैठे है,
मेरे भोले भंडारी,

प्रदोष व्रत की कथा

हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। पंचांग के मुताबिक साल 2025 का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी को रखा जाएगा, इस दिन शनिवार होने के कारण यह शनि प्रदोष भी कहलाएगा।

विवाह पंचमी के उपाय क्या हैं

हिंदू कैलेंडर के हिसाब से विवाह पंचमी का पर्व मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन प्रभु श्रीराम और माता सीता की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। वहीं इस साल विवाह पंचमी 06 दिसंबर शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी।

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