हरिद्वार जाउंगी, सखी ना लौट के आऊँगी(Haridwar Jaungi Sakhi Na Laut Ke Aaungi)

सखी हरिद्वार जाउंगी,

हरिद्वार जाउंगी,

सखी ना लौट के आऊँगी,

मेरे उठे विरह में पीर,

सखी हरिद्वार जाउंगी ॥


छोड़ दिया मैंने भोजन पानी,

भोले तेरी याद में,

छोड़ दिया मैंने भोजन पानी,

भोले तेरी याद में,

मेरे नैनन बरसे नीर,

सखी हरिद्वार जाउंगी ॥


सुंदर सलोनी सूरत पे,

दीवानी हो गई,

अब कैसे धारू धीर सखी,

सखी हरिद्वार जाउंगी,

मेरे उठे विरह में पीर,

सखी हरिद्वार जाउंगी ॥


इस दुनिया के रिश्ते नाते,

सब ही तोड़ दिए,

तुझे कैसे दिखाऊं दिल चिर,

सखी हरिद्वार जाउंगी,

मेरे उठे विरह में पीर,

सखी हरिद्वार जाउंगी ॥


नैन लड़े मेरे भोले से,

बावरी हो गई,

दुनिया से हो गई अंजानी,

सखी हरिद्वार जाउंगी,

मेरे उठे विरह में पीर,

सखी हरिद्वार जाउंगी ॥


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परदेस जा रहे हो, कैसे जियेंगे हम (Parades Ja Rahe Ho, Kaise Jiyenge Hum)

परदेस जा रहे हो,
कैसे जियेंगे हम,

लाल लाल चुनरी सितारो वाली (Laal Laal Chunari Sitaron Wali)

लाल लाल चुनरी सितारों वाली,
सितारो वाली,

कालाष्टमी पर क्या दान करें?

वैदिक पंचांग के अनुसार, हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यानी 2024 के नवंबर माह में ये तिथि 22 तारीख को पड़ रही है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है, जो तंत्र-मंत्र साधकों के लिए विशेष महत्व रखती है।

विष्णु चालीसा पाठ

शास्त्रों के अनुसार, पापमोचनी एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन व्रत करने और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करने से भक्त के सभी पाप समाप्त होते हैं।

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