ये तुम्हारी है कृपा माँ, तेरा दर्शन हो रहा: भजन (Ye Tumhari Hai Kripa Maa Tera Darshan Ho Raha)

ये तुम्हारी है कृपा माँ,

तेरा दर्शन हो रहा,

तेरा दर्शन हो रहा माँ,

तेरा दर्शन हो रहा,

ये हमारा भाग्य है माँ,

तेरा दर्शन हो रहा ॥


माँ तेरे नवरात्रे आये,

सारे जग में धूम है,

हो रहा घर घर में कीर्तन,

तेरा दर्शन हो रहा,

ये हमारा भाग्य है माँ,

तेरा दर्शन हो रहा ॥


सज गए मंदिर तुम्हारे,

भीड़ दर पे हो गयी,

हो रहा है पूजा अर्चन,

तेरा दर्शन हो रहा,

ये हमारा भाग्य है माँ,

तेरा दर्शन हो रहा ॥


हर जुबाँ पे नाम तेरा,

हर तरफ जलवा तेरा,

नौ नौ रूपों का है वंदन,

तेरा दर्शन हो रहा,

ये हमारा भाग्य है माँ,

तेरा दर्शन हो रहा ॥


तू ही माता तू विधाता,

सृष्टि तेरे हाथ में,

दुनिया है तुमसे ही रोशन,

तेरा दर्शन हो रहा,

ये हमारा भाग्य है माँ,

तेरा दर्शन हो रहा ॥


देवता भी कर रहे है,

फूलों की वर्षा घनी,

कर रहे त्रिदेव वंदन,

तेरा दर्शन हो रहा,

ये हमारा भाग्य है माँ,

तेरा दर्शन हो रहा ॥


देना हमको सेवादारी,

‘चोखानी’ की अर्ज है,

सेवा में अर्पित है तन मन,

तेरा दर्शन हो रहा,

ये हमारा भाग्य है माँ,

तेरा दर्शन हो रहा ॥


ये तुम्हारी है कृपा माँ,

तेरा दर्शन हो रहा,

तेरा दर्शन हो रहा माँ,

तेरा दर्शन हो रहा,

ये हमारा भाग्य है माँ ,

तेरा दर्शन हो रहा ॥

........................................................................................................
जनेऊ/उपनयन संस्कार पूजा विधि

जनेऊ संस्कार को उपनयन संस्कार के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक प्रमुख संस्कार है। यह संस्कार बालक के जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने का प्रतीक है।

नमामि श्री गणराज दयाल(Namami Shri Ganraj Dayal)

नमामि श्री गणराज दयाल,
करत हो भक्तन का प्रतिपाल,

तुम कालों के काल, बाबा मेरे महाकाल(Tum Kalo Ke Kal Baba Mere Mahakal )

तुम कालों के काल,
बाबा मेरे महाकाल ॥

मोक्षदा एकादशी की व्रत कथा

मोक्षदा एकादशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह त्योहार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति का प्रतीक है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।