जिंदगी एक किराये का घर है - भजन (Zindgai Ek Kiraye Ka Ghar Hai)

जिंदगी एक किराये का घर है,

एक न एक दिन बदलना पड़ेगा

मौत जब तुझको आवाज देगी,

घर से बाहर निकलना पड़ेगा ॥


मौत का बजा जिस दिन डंका

फूँक दी तब पल में सोने की लंका

कर गयी मौत रावण का बांका

वैसे तुझको भी जलना पड़ेगा ॥


जिंदगी एक किराये का घर है,

एक न एक दिन बदलना पड़ेगा ॥


रात के बाद होगा सवेरा

देखना हो अगर दिन सुनहरा

पाँव फूलों पे रखने से पहले

तुझको काँटों पे चलना पड़ेगा ॥


जिंदगी एक किराये का घर है,

एक न एक दिन बदलना पड़ेगा ॥


ये जवानी है दो दिन का सपना,

ढूँढ ले तू जल्द राम अपना

ये जवानी अगर ढल गयी तो,

उमर भर हाथ मलना पड़ेगा ॥


जिंदगी एक किराये का घर है,

एक न एक दिन बदलना पड़ेगा ॥


ये तसवुर ये जोशो-जवानी

चंद लम्हों की है यह कहानी

ये दिया शाम तक देख लेना

चढ़ते सूरज को ढलना पड़ेगा ॥


जिंदगी एक किराये का घर है,

एक न एक दिन बदलना पड़ेगा ॥


जिंदगी एक किराये का घर है,

एक न एक दिन बदलना पड़ेगा

मौत जब तुझको आवाज देगी,

घर से बाहर निकलना पड़ेगा ॥

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रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने (Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne)

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,

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दिसंबर में कब है दुर्गा अष्टमी?

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जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है (Jara Der Thehro Ram Tamanna Yahi Hai)

जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है
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