तुम से लागी लगन.. पारस प्यारा (Tumse Lagi Lagan Le Lo Apni Sharan Paras Pyara)

तुम से लागी लगन,

ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,

मेटो मेटो जी संकट हमारा ।

निशदिन तुमको जपूँ,

पर से नेह तजूँ, जीवन सारा,

तेरे चरणों में बीत हमारा ॥टेक॥


अश्वसेन के राजदुलारे,

वामा देवी के सुत प्राण प्यारे।

सबसे नेह तोड़ा,

जग से मुँह को मोड़ा,

संयम धारा ॥

मेटो मेटो जी संकट हमारा ॥


इंद्र और धरणेन्द्र भी आए,

देवी पद्मावती मंगल गाए ।

आशा पूरो सदा,

दुःख नहीं पावे कदा,

सेवक थारा ॥

मेटो मेटो जी संकट हमारा ॥


जग के दुःख की तो परवाह नहीं है,

स्वर्ग सुख की भी चाह नहीं है।

मेटो जामन मरण,

होवे ऐसा यतन,

पारस प्यारा ॥

मेटो मेटो जी संकट हमारा ॥


लाखों बार तुम्हें शीश नवाऊँ,

जग के नाथ तुम्हें कैसे पाऊँ ।

‘पंकज’ व्याकुल भया,

दर्शन बिन ये जिया लागे खारा ॥

मेटो मेटो जी संकट हमारा ॥


तुम से लागी लगन,

ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,

मेटो मेटो जी संकट हमारा ।

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तेरी अंखिया हैं जादू भरी: भजन (Teri Akhiya Hai Jadu Bhari)

तेरी अंखिया हैं जादू भरी,
बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥

अप्रैल 2025 व्रत-त्योहार

अप्रैल का महीना वसंत ऋतु की सुंदरता और त्योहारों की धूमधाम के साथ एक विशेष महत्व रखता है। यह माह प्रकृति के रंग-बिरंगे रूप को दर्शाता है। इस समय कई धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व मनाए जाते हैं जो हमारी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं।

तूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ के अब तेरा साथ नहीं छूटे (Tune Sir Pe Dhara Jo Mere Hath Ke Ab Tera Sath Nahi Chute)

तूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ,
के अब तेरा साथ नहीं छूटे,

जयति तेऽधिकं जन्मना (Jayati Te Dhikam Janmana)

जयति तेऽधिकं जन्मना व्रजः
श्रयत इन्दिरा शश्वदत्र हि ।

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