नवीनतम लेख
नवीनतम लेख
नागा साधु कुंभ मेले की शोभा बढ़ाने वाले अद्वितीय साधु हैं। जो नग्न रहते हैं और शस्त्र विद्या में निपुण होते हैं। ये साधु शैव अखाड़ों से जुड़े हैं और इनका जीवन कठोर तप और साधना से भरा होता है। कुंभ मेले में ये साधु अपनी युद्धकला और आस्था का प्रदर्शन करते हैं। नागा साधुओं के जीवन को समझना आम आदमी के लिए दुर्लभ है। इनका इतिहास और परंपरा सिंधु घाटी सभ्यता, दसनामी संप्रदाय, और महर्षि वेद व्यास की वनवासी परंपरा से जुड़ी है। तो आइए इस आलेख में नागा साधुओं की उत्पत्ति और इतिहास को विस्तार से जानते हैं।
नागा शब्द भारतीय समाज में प्राचीन समय से प्रचलित है। इसका अर्थ संस्कृत में पर्वत होता है, जिससे पर्वत पर रहने वाले तपस्वी नागा कहलाए। कच्छारी भाषा में नागा का अर्थ बहादुर योद्धा है। नागा शब्द का एक अर्थ नग्न भी है, क्योंकि ये साधु बिना वस्त्र के रहते हैं। इतिहास में नागवंश और नागा जातियों का उल्लेख मिलता है। नाथ संप्रदाय और दसनामी परंपरा, जो शैव पंथ का हिस्सा हैं, नागा साधुओं से जुड़ी हुई हैं। नागा जनजाति भी भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से में निवास करती है। इस प्रकार नागा शब्द के कई संदर्भ हैं, लेकिन नागा साधुओं का प्रमुख संबंध शैव परंपरा और शिव उपासना से है।
सिंधु घाटी सभ्यता के अध्ययन से पता चलता है कि उस समय भी जटाधारी तपस्वी और शिव उपासक मौजूद थे। प्राचीन समय में ऋषि-मुनियों की परंपरा ही बाद में अखाड़ों में बदल गई। शैव पंथ के अंतर्गत नागा साधुओं की यह परंपरा धीरे-धीरे विकसित हुई। दिगंबर जैन साधुओं और नागा साधुओं के इतिहास में भी समानताएं मिलती हैं। एक अन्य मान्यता है कि गुरु दत्तात्रेय की परंपरा से नाग, नाथ और नागा साधुओं की शाखाएं निकलीं। नवनाथ परंपरा जो सिद्धों की परंपरा मानी जाती है, नागा साधुओं की उत्पत्ति में महत्वपूर्ण है। महर्षि वेद व्यास ने वनवासी संन्यासी परंपरा की नींव रखी, जो उनके शिष्य ऋषि शुकदेव से आगे बढ़ी।
नागा साधुओं के संगठनों को अखाड़ा कहा जाता है। इन अखाड़ों की स्थापना जगद्गुरु शंकराचार्य ने की। बौद्ध धर्म के बढ़ते प्रभाव और विदेशी आक्रमणों से हिंदू धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने शस्त्र विद्या में निपुण साधुओं के समूह बनाए। ये अखाड़े धर्म रक्षा और आध्यात्मिक शिक्षा का केंद्र बन गए। नागा साधु विभिन्न अखाड़ों से जुड़े होते हैं, जिनमें वे शास्त्र और शस्त्र दोनों में निपुण होते हैं। कुंभ मेले में नागा साधु अपनी युद्धकला, तलवारबाजी और आत्मसंयम का प्रदर्शन करते हैं।
इतिहास में नागा साधुओं ने कई बार अपनी शस्त्र विद्या का उपयोग किया। अहमद शाह अब्दाली के खिलाफ हुए युद्धों में नागा साधुओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इन साधुओं ने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया। इसलिए, नागा साधु भारतीय धर्म और संस्कृति का एक अनोखा हिस्सा माने जाते हैं। उनका जीवन कठोर तप, नग्नता और शस्त्र विद्या के इर्द गिर्द घूमता है। कुंभ मेले में नागा साधुओं का प्रदर्शन आम जनता को उनके जीवन और परंपरा को समझने का अवसर प्रदान करता है। इनकी उत्पत्ति और इतिहास भारत की प्राचीन धार्मिक परंपराओं से गहराई से जुड़ा हुआ है, जो आज भी अखाड़ों और कुंभ के माध्यम से जीवित है।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल, तिरूअनंतपुरम (Shri Padmanabhaswamy Mandir, Kerala, Thiruvananthapuram)
श्रीसोमेश्वर स्वामी मंदिर(सोमनाथ मंदिर), गुजरात (Shri Someshwara Swamy Temple (Somnath Temple), Gujarat)
ॐकारेश्वर महादेव मंदिर, ओमकारेश्वर, मध्यप्रदेश (Omkareshwar Mahadev Temple, Omkareshwar, Madhya Pradesh)
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर - नेल्लोर, आंध्र प्रदेश (Sri Ranganadha swamI Temple - Nellore, Andhra Pradesh)
यागंती उमा महेश्वर मंदिर- आंध्र प्रदेश, कुरनूल (Yaganti Uma Maheshwara Temple- Andhra Pradesh, Kurnool)
श्री सोमेश्वर जनार्दन स्वामी मंदिर- आंध्र प्रदेश (Sri Someshwara Janardhana Swamy Temple- Andhra Pradesh)
Shri Sthaneshwar Mahadev Temple, Thanesar, Kurukshetra (स्थानेश्वर महादेव मंदिर, थानेसर, कुरुक्षेत्र)
अरुल्मिगु धनदायूंथापनी मंदिर, पलानी, तमिलनाडु (Arulmigu Dhandayunthapani Temple, Palani, Tamil Nadu)
गोमटेश्वर बाहुबली मंदिर, श्रवणबेलगोला, कर्नाटक (Gommateshwara Bahubali Temple, Shravanabelagola, Karnataka)
श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर इस्कॉन चौपाटी मुंबई (Sri Sri Radha Gopinath Temple, ISKCON Chowpatty, Mumbai)
TH 75A, New Town Heights, Sector 86 Gurgaon, Haryana 122004
Our Services
Copyright © 2024 Bhakt Vatsal Media Pvt. Ltd. All Right Reserved. Design and Developed by Netking Technologies