यह तो प्रेम की बात है उधो (Ye Too Prem Ki Baat Hai Udho)

यह तो प्रेम की बात है उधो,

बंदगी तेरे बस की नहीं है।

यहाँ सर देके होते सौदे,

आशकी इतनी सस्ती नहीं है॥


प्रेम वालों ने कब वक्त पूछा,

उनकी पूजा में सुन ले ए उधो।

यहाँ दम दम में होती है पूजा,

सर झुकाने की फुर्सत नहीं है॥

॥ यह तो प्रेम की बात है उधो...॥


जो असल में हैं मस्ती में डूबे,

उन्हें क्या परवाह ज़िन्दगी की।

जो उतरती है चढ़ती है मस्ती,

वो हकीकत में मस्ती नहीं है॥

॥ यह तो प्रेम की बात है उधो...॥


जिसकी नजरो में है श्याम प्यारे,

वो तो रहते हैं जग से न्यारे।

जिसकी नज़रों में मोहन समाये,

वो नज़र फिर तरसती नहीं है॥

॥ यह तो प्रेम की बात है उधो...॥


यह तो प्रेम की बात है उधो,

बंदगी तेरे बस की नहीं है।

यहाँ सर देके होते सौदे,

आशकी इतनी सस्ती नहीं है॥

........................................................................................................
होलिका दहन की राख शुभ है या अशुभ?

होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत और भक्ति की शक्ति को दर्शाता है। कुछ जगह मान्यता है कि होलिका में राक्षस हिरण्यकश्युप की बहन होलिका जल गईं थीं इसलिए ये अशुभता का प्रतीक है।

हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम(Humara Nahi Koi Re Tere Bina Ram)

हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम

कलयुग में फिर से आजा, डमरू बजाने वाले (Kalyug Mein Fir Se Aaja Damru Bajane Wale)

कलयुग में फिर से आजा,
डमरू बजाने वाले,

लल्ला की सुन के मै आयी यशोदा मैया देदो(Lalla Ki Sun Ke Mai Aayi Yashoda Maiya Dedo Badhai)

लल्ला की सुन के मै आयी,
यशोदा मैया देदो बधाई,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।