नंगे नंगे पाँव चल आ गया री(Nange Nange Paon Chal Aagaya Ri)

नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


तेरा पुजारी मैया, तेरा पुजारी,

नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


हाथों में लेकर गंगा जल गागर,

हाथों में लेकर गंगा जल गागर,

श्रद्धा से स्नान करा गया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


लाल लाल चोला किनारी गोटे वाला,

लाल लाल चोला किनारी गोटे वाला,

लाल लाल चुनरी ओड़ा गया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


चाँदी की कटोरी में केसर घोल के,

चाँदी की कटोरी में केसर घोल के,

माथे पे तिलक गया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


चंपा चमेली गुलाब जूही गेंदा,

चंपा चमेली गुलाब जूही गेंदा,

पुष्पों की माला पहना गया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


तेरा पुजारी मैया तेरा पुजारी,

नंगे नंगे पाँव चल आ गया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥

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मौनी अमावस्या पर स्नान के शुभ मुहूर्त

माघ मास की अमावस्या, जिसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन को लेकर कई तरह की धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि इस दिन पितृ देवता धरती पर आते हैं और अपने वंशजों के द्वारा किए गए पिंडदान से प्रसन्न होते हैं।

काले काले बदरा, घिर घिर आ रहे है (Kaale Kaale Badra Ghir Ghir Aa Rahe Hai)

काले काले बदरा,
घिर घिर आ रहे है,

वृंदावन जाने को जी चाहता है (Vrindavan Jane Ko Jee Chahta Hai)

वृंदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है ।

सफला एकादशी की व्रत कथा

पौष माह के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है। सनातन धर्म में एकादशी तिथि का काफ़ी महत्व होता है।

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