मेरी ज़िन्दगी सवर जाए (Meri Zindagi Sanwar Jaye)

मेरी ज़िन्दगी सवर जाए,

अगर तुम मिलने आ जाओ,

तमन्ना फिर मचल जाये,

अगर तुम मिलने आ जाओ ॥


और जो कुछ है तोर,

तेरा तुझको सौंपता,

गुरुवर क्या लागे है मोर।

नब्जें जवाब दे चुकी,

सांस का कुछ पता नहीं,

आज का दिन तो कट गया,

कल की मुझे खबर नहीं।

तेरी कृपा से बेनियाज़,

कौन सी शय मिली नहीं,

झोली ही मेरी तंग है,

तेरे यहाँ कमी नहीं ॥


सर भी है पेशे नजर,

इसके आगे तो बता दे,

क्या है नजराना तेरा ॥


छलकते आँख के आंसू,

कही बेकार ना हो जाए,

कही बेकार ना हो जाए,

चरण छूकर बने मोती,

अगर तुम मिलने आ जाओ,

मेरी ज़िन्दगी संवर जाए,

अगर तुम मिलने आ जाओ ॥


करम से बन गया पत्थर,

नहीं है रूप मेरा कोई,

नहीं है रूप मेरा कोई,

सलीके से संवर जाऊँ,

अगर तुम मिलने आ जाओ,

मेरी ज़िन्दगी संवर जाए,

अगर तुम मिलने आ जाओ ॥


बिना तेरे ओ मनमोहन,

मैं मुरझा सा ही रहता हूँ,

मैं मुरझा सा ही रहता हूँ,

चमन मन के ये खिल जाए,

अगर तुम मिलने आ जाओ,

मेरी ज़िन्दगी संवर जाए,

अगर तुम मिलने आ जाओ ॥


नही मिलते हो तुम मुझसे,

तो मोह दुनिया से होता है,

तो मोह दुनिया से होता है,

कटे सारे ये भव बंधन,

अगर तुम मिलने आ जाओ,

मेरी ज़िन्दगी संवर जाए,

अगर तुम मिलने आ जाओ ॥


भटकता रहता हूँ दर दर,

तेरे दीदार के खातिर,

तेरे दीदार के खातिर,

भटकना छुट जाए,

अगर तुम मिलने आ जाओ,

मेरी ज़िन्दगी संवर जाए,

अगर तुम मिलने आ जाओ ॥


मेरी ज़िन्दगी सवर जाए,

अगर तुम मिलने आ जाओ,

तमन्ना फिर मचल जाये,

अगर तुम मिलने आ जाओ ॥


........................................................................................................
सोने की लंका जलाए गयो रे, एक छोटो सो वानर (Sone Ki Lanka Jalai Gayo Re Ek Choto So Vanar)

सोने की लंका जलाए गयो रे,
एक छोटो सो वानर,

श्री राम जी का मंदिर बनाएंगे (Shree Ram Ji Ka Mandir Banayenge)

श्री राम जी का मंदिर बनाएंगे,
भगवा ध्वज लहरायेंगे,

किस विधि वंदन करू तिहारो(Kis Vidhi Vandan Karun Tiharo Aughardani)

किस विधि वंदन करू तिहारो,
औघड़दानी त्रिपुरारी

राम जन्मभूमि पर जाकर, जीत के दीप जलाएंगे (Ram Janmabhoomi Par Jakar Jeet Ke Deep Jalayenge)

राम जन्मभूमि पर जाकर,
जीत के दीप जलाएंगे,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने