रसिया को नार बनावो री रसिया को(Rasiya Ko Naar Banavo Ri Rasiya Korasiya Ko)

बोरी मत जाने , वृषभानु की किशोरी छे

होरी में तोसो काहु भाँति नही हारेगी

लाल तोहे पकर नचावे, गाल गुलचा लगावे

तोहे राधिका बानवे, आप कृष्णा बन जावेगी

प्रेमी कहे बलिहार, आप कृष्णा बन जावेगी..."

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


कटि लहंगा गल माल कंचुकी,

वाको चुनरी शीश उढाओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


बाँह बडा बाजूबंद सोहे,

वाको नकबेसर पहराओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


लाल गुलाल दृगन बिच काजर,

वाको बेंदी भाल लगावो री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


आरसी छल्ला और खंगवारी,

वाको अनपट बिछुआ पहराओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


नारायण करतारी बजाय के,

वाको जसुमति निकट नचाओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥

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नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा (Natvar Nagar Nanda Bhajo Re Mann Govinda)

नटवर नागर नंदा,
भजो रे मन गोविंदा,

काल भैरव जंयती के उपाय

शास्त्रों में भगवान काल भैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान कालभैरव की पूजा-अर्चना करने से बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है।

सूर्य स्तोत्र

विकर्तनो विवस्वांश्च मार्तण्डो भास्करो रविः।
लोक प्रकाशकः श्री मांल्लोक चक्षुर्मुहेश्वरः ॥ लोकसाक्षी त्रिलोकेशः कर्ता हर्ता तमिस्रहा।

सोना-चांदी की पूजा विधि

हिंदू धर्म में सोने और चांदी की धातुओं का विशेष महत्व है। सदियों से ये भारतीय घरों का अभिन्न हिस्सा रही हैं। भारतीय संस्कृति में सोना-चांदी को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

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