फुलेरा दूज पूजा विधि

Phulera Dooj Puja Vidhi: फुलेरा दूज पर ऐसे करें श्रीकृष्ण की पूजा, भगवान कृष्ण का मिलेगा आशीर्वाद, जानें पूजा विधि 


फुलेरा दूज फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाले त्योहार है। यह त्योहार वसंत पंचमी के आने का संकेत देता है। इस दिन देश भर में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को सजाया जाता है। वहीं वृंदावन, मथुरा और ब्रज में इस दिन फूलों की होली खेली जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और माता राधा ने फूलों की होली खेली थी।  इस दिन भगवान कृष्ण की श्रद्धाभाव से   पूजा करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। चलिए आपको भीलेख के जरिए  भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने की विधि के बारे में बताते , ताकि आप भी भगवान का आशीर्वाद प्राप्त कर सके।


पूजा सामग्री 


  • श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र
  • गंगा जल (अभिषेक के लिए)
  • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और चीनी)
  • फूलों की माला और ताजे फूल
  • गुलाल और अबीर
  • मिश्री और माखन (भोग के लिए)
  • धूप, दीप, कपूर और अगरबत्ती
  • पीले वस्त्र और तुलसी पत्र
  • मिठाई और फल
  • गाय के घी का दीपक


पूजा विधि


इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा का विशेष महत्व है।


  • सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।  पूजा स्थल को स्वच्छ करके, भगवान कृष्ण और माता राधा की मूर्तियों को पंचामृत से स्नान कराएं। 
  • इसके बाद उन्हें नए वस्त्र पहनाएं और फूलों से सजाएं। पूजा में माखन-मिश्री, फल, मिठाई और फूल अर्पित करें। 
  • फिर भजन-कीर्तन करें और अंत में आरती उतारें। पूजा के बाद  प्रसाद को परिवार और दोस्तों में बांटे।


फुलेरा दूज के दिन होता है अबुझ मुहूर्त 


फुलेरा दूज के दिन अबुझ मुहूर्त होता है। यानि ऐसा शुभ समय, जब किसी भी मांगलिक कार्य को करने के लिए पंचांग या ज्योतिषीय गणना की आवश्यकता नहीं होती। इस कारण फुलेरा दूज को विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण संस्कार, और अन्य शुभ कार्यों के लिए अत्यंत उपयुक्त माना जाता है।


........................................................................................................
राम नाम का जादू, दुनिया पे छा रहा है(Ram Naam Ka Jaadu Duniya Pe Cha Raha Hai)

राम नाम का जादू,
श्रीराम नाम का जादू,

लाल ध्वजा लहराये रे, मैया तोरी ऊंची पहड़ियान (Lal Dhwaja Lahraye Re Maiya Teri Unchi Pahadiya)

लाल ध्वजा लहराये रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥

वाक् देवी हे कलामयी हे सुबुद्धि सुकामिनी (Vak Devi He Kalamayee He Buddhi Sukamini)

वाक् देवी हे कलामयी
हे सुबुद्धि सुकामिनी

माघ माह में कैसे करें गंगा स्नान?

हिंदू धर्म में माघ माह का विशेष महत्व है। इस साल 14 जनवरी से माघ माह शुरू हो रहा है। माघ माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के पहले दिन से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक चलता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने