शिव पूजा विधि

सर्वप्रथम पहले की तरह आचमन कर पवित्री धारण करे। अपने ऊपर और पूजा-सामग्री पर जल का प्रोक्षण करे। इसके बाद संकल्प करे। हाथमें फूल लेकर अञ्जलि बाँध कर शंकर भगवान का ध्यान करे। 

ध्यान का  मंत्र पंच-देव पूजा में आ चुका है।

पुष्प चढ़ाये

बिल्वपत्र दे

जल चढ़ाये

चन्दन, पुष्प, अक्षतयुक्त अर्घ्य समर्पण करे

कर्पूर से सुवासित शीतल जल चढ़ाये  

गंगा जल चढ़ाये

आचमन के लिये जल चढ़ाये

गोदुग्ध से स्नान कराये

गोदधिसे स्नान कराये

गोघृत से स्नान कराये

मधुसे स्नान कराये

शक्करसे स्नान कराये

अपात्र में पृथक् निर्मित पञ्चामृतसे स्नान कराये

केसर को चन्दन से घिस कर पीला द्रव्य बना ले और उस गन्धोदकसे स्नान कराये

शुद्ध जलसे स्नान कराये

आचमनके लिये जल चढ़ाये 

वस्त्र चढ़ाये 

आचमनके लिये जल चढ़ाये  

उपवस्त्र चढ़ाये 

आचमनके लिये जल चढ़ाये

यज्ञोपवीत चढ़ाये 

आचमनके लिये जल चढ़ाये

मलय चन्दन लगाये 

कुङ्कुम युक्त अक्षत चढ़ाये 

फूल एवं फूलमाला चढ़ाये 

बिल्वपत्र चढ़ाये 

दूर्वाङ्कर चढ़ाये 

शमीपत्र चढ़ाये 

नित्यकर्म-पूजाप्रकाश

रत्नाभूषण समर्पित करे 

परिमल द्रव्य चढ़ाये

भगवान के आगे चौकोर जल का घेरा डाल कर उसमें नैवेद्यकी वस्तुओं को रख दे, इसके बाद धूप-दीप निवेदन करे।

धूप दिखाये 

घृतदीप दिखाये, हाथ धो ले

नैवेद्य निवेदित करे

जल चढ़ाये

ऋतुफल चढ़ाये

और आचमन तथा उत्तरापोडशनके लिये जल दे

इलायची, लौंग, सुपारीके साथ पान समर्पित करे 

दक्षिणा चढ़ाये 

कर्पूरसे आरती करे और आरतीके बाद जल गिराये

प्रदक्षिणा करे

पुष्पांजलि समर्पण करे

नमस्कार करे 

क्षमा-याचना करे

अन्तमें चरणोदक और प्रसाद ग्रहण कर पूजाकी साङ्गता करे। अर्पण - ॐ तत्सद् ब्रह्मार्पणमस्तु । विष्णवे नमः, विष्णवेनमः, विष्णवे नमः 


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हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा (Haare Ka Sahara Baba Shyam Hamara)

जपता फिरूं मैं नाम तुम्हारा,
हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा,

मौनी अमावस्या के उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ का महीना 11वां होता है। इस माह में पड़ने वाले व्रत का विशेष महत्व होता है। इनमें मौनी अमावस्या भी शामिल है। माघ माघ की अमावस्या को मौनी अमावस्या भी कहा जाता है।

तेरे स्वागत में मैया जी, मैंने पलके बिछाई है (Tere Swagat Mein Maiya Ji Maine Palke Bichayi Hai)

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मैंने पलके बिछाई है,

भूमिपूजन कैसे करें?

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की कृपा के बिना कोई भी शुभ काम सफल नहीं होता है इसलिए, घर बनाने से पहले भूमि पूजन करना बहुत जरूरी है। इस अनुष्ठान से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-शांति आती है।

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