उज्जैनी में बाबा ने ऐसा, डमरू बजाया (Ujjaini Me Baba Ne Esa Damru Bajaya)

उज्जैनी में बाबा ने ऐसा,

डमरू बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया,

कितना प्यारा उज्जैनी,

यहां दरबार सजाया,

मैं सुध बुध भूल आया ॥


सुनाने को बाबा मैं,

ऐसा सुनाऊंगा,

भजनों से भोले मैं जो,

तुमको रिझाऊंगा,

डमरू की धुन में,

बाबा ऐसा नाद बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया।

उज्जैनी मे बाबा ने ऐसा,

डमरू बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया ॥


करूंगा मैं सेवा तेरी,

चरण पखारूंगा,

नैनो से भोले मैं हाँ,

तुमको निहारूंगा,

‘दीपक दास’ ने,

महाकाल तुम्हारा,

ही गुण गाया,

मैं सुध बुध भूल आया।

उज्जैनी मे बाबा ने ऐसा,

डमरू बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया ॥


उज्जैनी में बाबा ने ऐसा,

डमरू बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया,

कितना प्यारा उज्जैनी,

यहां दरबार सजाया,

मैं सुध बुध भूल आया ॥

........................................................................................................
कितने दिन रहेगी माघ गुप्त-नवरात्रि

सनातन हिंदू धर्म में विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं। नवरात्रि भी इन्हीं में से एक है। एक साल में 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है। इनमें से 2 नवरात्रि प्रत्यक्ष और 2 गुप्त मानी जाती हैं।

स्वर्ण स्वर भारत (Swarn Swar Bharat)

है नया ओज है नया तेज,
आरंभ हुआ नव चिंतन

जो प्रेम गली में आए नहीं (Jo Prem Gali Me Aaye Nahi)

जो प्रेम गली में आए नहीं,
प्रियतम का ठिकाना क्या जाने,

महाशिवरात्रि व्रत कथा प्रारम्भ | क्या शिवरात्रि पर व्रत करने से मुक्ति संभव

भगवान शिव की महिमा सुनकर एक बार ऋषियों ने सूत जी से कहा- हे सूत जी आपकी अमृतमयी वाणी और आशुतोष भगवान शिव की महिमा सुनकर तो हम परम आनन्दित हुए।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने