सत्यनारायण पूजन विधि (Satyanarayan Puja Vidhi)

व्रत करने वाला पूर्णिमा व संक्रान्ति के दिन सायंकाल को स्नानादि से निवृत होकर पूजा-स्थान में आसन पर बैठ कर श्रद्धा पूर्वक गौरी, गणेश, वरूण, विष्णु आदि सब देवताओं का ध्यान करके पूजन करें और संकल्प करें कि मैं सत्यनारायण स्वामी का पूजन तथा कथा-श्रवण सदैव करूंगा । पुष्प हाथ में लेकर नारायण का ध्यान करें, यज्ञोपवती, पुष्प, धूप, नैवेद्य आदि से युक्त होकर स्तुति करें- हे भगवान! मैंने श्रद्धापूर्वक फल, जल आदि सब सामग्री आपको अर्पण की है, इसे स्वीकार कीजिए। मेरा आपको बारम्बार नमस्कार है। इसके बाद सत्यनारायण जी की कथा पढ़े अथवा श्रवण करें।

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जिसने दी है मुझे पहचान, वो अंजनी का लाला है (Jisne Di Hai Mujhe Pahchan Vo Anjani Ka Lala Hai)

जिसने दी है मुझे पहचान,
वो अंजनी का लाला है,

लाल लाल चुनरी सितारो वाली (Laal Laal Chunari Sitaron Wali)

लाल लाल चुनरी सितारों वाली,
सितारो वाली,

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे(Tera Kisne Kiya Shringar Sanware)

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे ।

ये अटल भरोसा प्यारे, खाली ना जाएगा (Ye Atal Bharosa Pyare Khali Na Jayega)

ये अटल भरोसा प्यारे,
खाली ना जाएगा,

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