मेरा सर ढकने की माई तेरी चूनर काफी है

धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।

धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।

मेरा सर ढकने को माई तेरी चूनर काफ़ी है।


क्या मांगे वो बेटा जिसने मां की ममता पाई है।

एक तरफ है ये जग सारा एक तरफ मेरी माई है।

क्या मांगे वो बेटा जिसने मां की ममता पाई है।

एक तरफ है ये जग सारा एक तरफ मेरी माई है।

हो.....

जगराता तेरा गांव मैय्या, रोज मुझे वो रैन मिले।

तेरे चरण ही मेरी शरण हैं और कहीं न चैन मिले।

जगराता तेरा गांव मैय्या, रोज मुझे वो रैन मिले।

तेरे चरण ही मेरी शरण हैं और कहीं न चैन मिले।


तू ही पुण्य प्रताप है मेरा, तू ही कर्म कमाई है।

तू ही पुण्य प्रताप है मेरा, तू ही कर्म कमाई है।

क्या मांगे वो बेटा जिसने मां की ममता पाई है।

एक तरफ है ये जग सारा एक तरफ मेरी माई है।

क्या मांगे वो बेटा जिसने मां की ममता पाई है।

एक तरफ है ये जग सारा एक तरफ मेरी माई है।


कौन डिगाये पथ से उसे, जो तुझपे भरोसा करले मां।

भरके पलक में तुझे निहारूं, तेरी छवि मुझे हरले मां।

कौन डिगाये पथ से उसे, जो तुझपे भरोसा करले मां।

भरके पलक में तुझे निहारूं, तेरी छवि मुझे हरले मां।


दर्द है लाखों दुनिया में, तू सब दर्दों की दवाई है।

दर्द है लाखों दुनिया में, तू सब दर्दों की दवाई है।

क्या मांगे वो बेटा जिसने मां की ममता पाई है।

एक तरफ है ये जग सारा एक तरफ मेरी माई है।

क्या मांगे वो बेटा जिसने मां की ममता पाई है।

एक तरफ है ये जग सारा एक तरफ मेरी माई है।

हां...

हो...

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रक्षाबंधन का पौराणिक रहस्य: जब पत्नी ने अपने पति को बांधा था रक्षा सूत्र

इन कथाओं में जानें रक्षाबंधन का पौराणिक रहस्य, जब पत्नी ने अपने पति को बांधा था रक्षा सूत्र

करने वंदन चरणों में बजरंगी, दर पे हम तेरे रोज आएंगे - भजन (Karne Vandan Charno Me Bajrangi)

करने वंदन चरणों में बजरंगी,
दर पे हम तेरे रोज आएंगे,

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र (Gajendr Moksh Stotr )

एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि।

विसर नाही दातार अपना नाम देहो - शब्द कीर्तन (Visar Nahi Datar Apna Naam Deho)

गुण गावा दिन रात गुण गवा,
विसर नाही दातार अपना नाम देहो,

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