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नवरात्रि के नौवें दिन को महानवमी कहा जाता है। इस सभी प्रकार की सिद्धियों की दात्री, मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन माता के भक्त विशेष पूजा विधि के साथ मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। साथ ही इस दिन कन्या पूजन और हवन का भी विशेष आयोजन होता है। इस माध्यम से भक्त अपने जीवन में सफलता, शांति, और समृद्धि की कामना और प्राप्ति करते हैं।
इस शारदीय नवरात्रि में महानवमी 11 अक्टूबर को मनाई जा रही है। पंचांग के अनुसार, नवमी तिथि का आरंभ 11 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:06 बजे से होगा और यह 12 अक्टूबर 2024 को सुबह 10:57 बजे समाप्त होगी।
नवमी तिथि प्रारंभ: 11 अक्टूबर 2024, दोपहर 12:06 बजे
नवमी तिथि समाप्त: 12 अक्टूबर 2024, सुबह 10:57 बजे
नवमी व्रत का दिन: 11 अक्टूबर 2024
इस दिन मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री दोनों की पूजा होती है। पंडित डॉ राजनाथ झा के मुताबिक उदयातिथि के आधार पर नवमी का व्रत 11 अक्टूबर 2024 को शुभ फल देने वाला होगा।
नौ दिनों की नवरात्रि में मां सिद्धिदात्री देवी दुर्गा का नौवा और अंतिम रूप मानी जाती हैं। यहां, "सिद्धि" का अर्थ है अलौकिक शक्ति या ध्यान करने की क्षमता और "दात्री" का सरल अर्थ होता है देने वाली। इसलिए, मां सिद्धिदात्री चार हाथों वाली देवी हैं और वे कमल के पुष्प पर विराजमान रहती हैं। उनके हाथों में गदा, चक्र, शंख और कमल का फूल होता है। मां सिद्धिदात्री की कृपा से भगवान शिव ने आठों सिद्धियों को प्राप्त किया था और उनका आधा शरीर देवी हो गया था तभी वे "अर्धनारीश्वर" कहलाए।
मां सिद्धिदात्री की पूजा से साधक को मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में हर तरह की सिद्धियों की प्राप्ति होती है। कहते हैं कि इनकी पूजा से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
बीज मंत्र
ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।
सिद्धि मंत्र
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।
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