दुर्गा अष्टमी क्यों मनाई जाती है

क्यों मनाई जाती है मासिक दुर्गा अष्टमी? जानिए इसके पीछे का कारण 


मासिक दुर्गा अष्टमी हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी साधक मां दुर्गा की पूरी श्रद्धा और लगन से व्रत करता है। मां उन सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा का व्रत और पूजन से शांति, शक्ति समृद्धि और स्वास्थ्य का भी वरदान मिलता है। बता दें कि इस माह दुर्गा अष्टमी 5 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। तो आइए, इस आर्टिकल में विस्तार पूर्वक जानते हैं कि मासिक दुर्गा अष्टमी मनाने के पीछे की वजह क्या है। 

कैसे शुरू हुई दुर्गा अष्टमी? 


पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में बहुत शक्तिशाली राक्षस पृथ्वी और स्वर्ग पर कब्जा करने लगे। उन्होंने कई देवी-देवताओं की हत्या कर दी और स्वर्ग में भी कोहराम मचा दिया। इनमें सबसे शक्तिशाली राक्षस महिषासुर था।  इन सबको खत्म करने के लिए महादेव, जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी ने शक्ति के रूप में देवी दुर्गा की रचना की। सभी देवताओं ने मां दुर्गा को अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए। इसके बाद, मां दुर्गा पृथ्वी पर प्रकट हुईं। मां दुर्गा ने राक्षसों का संहार किया। इसके बाद, उसी दिन से दुर्गा अष्टमी का उत्सव प्रारंभ  हुआ।

मासिक दुर्गा अष्टमी पूजा का महत्व


मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन की जाने वाली व्रत और पूजन का ख़ास महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा के साथ जो भी कामना मां दुर्गा से की जाए वो पूर्ण हो जाती है। माता दुर्गा अपने भक्तों की इच्छा अवश्य पूर्ण करती हैं।  अन्य व्रत पूजन की तरह ही हिंदू धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी को भी बहुत ही खास त्योहार माना जाता है।

जानें तिथि और शुभ मुहूर्त


पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत बुधवार, 05 फरवरी को रात्रि के 02 बजकर 30 मिनट पर होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 06 फरवरी को देर रात्रि 12 बजकर 35 मिनट पर होगा। बता दें कि मां दुर्गा की पूजा निशा काल में की जाती है। अत: 05 फरवरी को माघ महीने की दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी।

मासिक दुर्गा अष्टमी शुभ योग 


ज्योतिषियों की मानें तो माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर शुक्ल और ब्रह्म योग बन रहा है। इसके साथ ही भद्रावास योग का भी संयोग बन रहा है। इस दिन भद्रा दोपहर तक स्वर्ग में रहेंगी। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सभी प्रकार के सुख के साधन सुलभ होते हैं। साथ ही सारे बिगड़े काम भी बन जाते हैं।  

मासिक दुर्गा अष्टमी के बारे में खास बातें

 
मासिक दुर्गा अष्टमी को बगलामुखी जयंती के नाम से भी जाना जाता है। 
इस दिन मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन पूजा करने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। साथ ही भक्तों को शक्ति और साहस मिलता है। मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन व्रत रखना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा के लिए लाल चुनरी, रोली, चावल से बना तिलक, लाल रंग के फूल, सोलह श्रृंगार का सामान, और मोर पंख का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पीले रंग की चीज़ों का दान करने से हर मनोकामना पूर्ण होती हैं।  



........................................................................................................
दर्शन दिया, मुझे दर्शंन दिया(Darshan Diya Ho Mujhe Darshan Diya)

भोले शंकर भोले,
तुझे पूजे दुनिया सारी रे,

राम नाम के दीवाने, पूजे जिनको दुनिया माने(Ram Naam Ke Deewane Puje Jinko Duniya Mane)

राम नाम के दीवाने,
पूजे जिनको दुनिया माने,

कदम कदम पर रक्षा करता (Kadam Kadam Par Raksha Karta)

कदम कदम पर रक्षा करता,
घर घर करे उजाला उजाला,

कर किरपा तेरे गुण गावा - शब्द कीर्तन (Kar Kirpa Tere Gun Gaawa)

कर किरपा तेरे गुण गाँवा,
नानक नाम जपत सुख पाँवा,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने