शेरावाली का लगा है दरबार (Sherawali Ka Laga Hai Darbar)

शेरावाली का लगा है दरबार,

जयकारा माँ का बोलते रहो,

मेहरवाली का सजा है दरबार,

जयकारा माँ का बोलते रहो,

जयकारा माँ का जयकारा,

शेरावाली का लगा हैं दरबार,

जयकारा माँ का बोलते रहो ॥


पर्वत की ऊँची सी चोटी,

चोटी ऊपर जगती ज्योति,

बैठी शेर पे होके सवार,

जयकारा माँ का बोलते रहो,

शेरावाली का लगा हैं दरबार,

जयकारा माँ का बोलते रहो ॥


ढम ढम ढोल नगाड़े बाजे,

झूम झूम के जोगन नाचे,

माँ की हो रही जय जयकार,

जयकारा माँ का बोलते रहो,

शेरावाली का लगा हैं दरबार,

जयकारा माँ का बोलते रहो ॥


बजरंगी माँ की सेवा में खड़े,

भैरोनाथ आरती उतारे,

गंगा मैया रही चरण पखार,

जयकारा माँ का बोलते रहो,

शेरावाली का लगा हैं दरबार,

जयकारा माँ का बोलते रहो ॥


लुटा रही माँ अटल खजाना,

भर भर झोली लुटे जमाना,

माँ ने खोल दिए रे भंडार,

जयकारा माँ का बोलते रहो,

शेरावाली का लगा हैं दरबार,

जयकारा माँ का बोलते रहो ॥


शेरावाली का लगा है दरबार,

जयकारा माँ का बोलते रहो,

मेहरवाली का सजा है दरबार,

जयकारा माँ का बोलते रहो,

जयकारा माँ का जयकारा,

शेरावाली का लगा हैं दरबार,

जयकारा माँ का बोलते रहो ॥

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छठ पूजा: कांच ही बांस के बहंगिया (Chhath Puja: Kanch Hi Bans Ke Bahangiya)

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय

आया बुलावा भवन से (Aaya Bulawa Bhawan Se)

आया बुलावा भवन से,
मैं रह ना पाई ॥

दे दे थोड़ा प्यार मैया, तेरा क्या घट जायेगा(De De Thoda Pyar Maiya Tera Kya Ghat Jayega)

दे दे थोड़ा प्यार मैया,
तेरा क्या घट जायेगा,

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी (Aapne Apna Banaya Meharbani Aapki)

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी,
हम तो इस काबिल ही ना थे,

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