माघ गुप्त नवरात्रि 2025

Magh Gupt Navratri 2025: कब से शुरू हो रही है माघ गुप्त नवरात्रि? जानें तारीख और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त


हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को नारी शक्ति और देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा को समर्पित है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बड़ा महत्व है। सालभर में दो गुप्त नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि समेत कुल 4 नवरात्रियां मनाई जाती हैं। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के 9 दिनों में देवी भगवती के 9 स्वरूपों और 10 महाविद्याओं की गुप्त पूजा की जाती है। तो आइए, इस आर्टिकल में जानते हैं गुप्त नवरात्रि कब से आरंभ हो रहा है और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है। 


विशेष कामनाओं की होती है सिद्धि 


माघ महीने के गुप्त नवरात्रि की जल्द शुरुआत होने जा रही है। गुप्त नवरात्रि में विशेष कामनाओं की सिद्धि की जाती है। मान्यता के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में विशेष पूजा से कई तरह के दुखों का निवारण होता है। इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस कारण आषाढ़ और माघ महीने में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।


कब से प्रारंभ होगी गुप्त नवरात्रि?


पंचांग के अनुसार गुप्त नवरात्रि पर्व आषाढ़ और माघ माह में मनाया जाता है। वर्तमान में माघ माह जारी है, इस माह में 30 जनवरी 2025 से माघ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। इसे तंत्र साधना और गुप्त विद्याओं में रुचि रखने वालों के लिए और भी खास माना गया है। वहीं, इस नवरात्रि में कुछ खास उपाय करने से आर्थिक समस्या और शादी में आ रही बाधाएं भी समाप्त हो सकती हैं। 


कब होगी समाप्त? 


द्रिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 29 जनवरी 2025 को शाम 06 बजकर 05 मिनट पर हो रही है और अगले दिन 30 जनवरी 2025 को शाम 04 बजकर 20 मिनट पर समाप्त हो रही है। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 30 जनवरी 2025 को माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होगी और 7 फरवरी 2025 को गुप्त नवरात्रि का समापन होगा।


गुप्त नवरात्रि में पूजी जाती हैं 10 देवियां


गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरभैरवी, धूमावती,बगलामुखी, मातंगी और कमला समेत 10 देवियों की गुप्त नवरात्रि में पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं फलीभूत होती हैं।


जानिए घटस्थापना का शुभ मुहूर्त


इस साल 30 जनवरी से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इस दिन श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र के साथ व्यतीपात योग बन रहा है। यह पूजा पाठ के लिए बेहद शुभ है। इस दिन कलश स्थापना के लिए आपको दो शुभ मुहूर्त प्राप्त होंगे। पहला मुहूर्त सुबह 9 बजकर 25 मिनट से सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक है। वहीं, दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर में 12 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक है।

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चैत्र प्रदोष व्रत की तिथियां और मुहूर्त

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत महादेव और माता पार्वती को समर्पित है।

भोले ऐसी भांग पिला दे, जो तन मन में रम जाए (Bhole Aisi Bhang Pila De Jo Tan Man Me Ram Jaye)

शिव समान दाता नहीं,
है ये देवों के है देव,

जाना है मुझे माँ के दर पे (Jana Hai Mujhe Maa Ke Dar Pe)

जाना है मुझे माँ के दर पे,
सुनो बाग के माली,

दुर्गा चालीसा पाठ

धार्मिक मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और व्रत करने से जातक की हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।

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