लक्ष्मी पंचमी के धन लाभ उपाय

लक्ष्मी पंचमी पर होगी धन की वर्षा, बस इन पांच आसान उपायों को अपनाना होगा

हिंदू धर्म में लक्ष्मी जयंती का विशेष महत्व है। दिन में माता लक्ष्मी की विधि रूप से पूजा करने से धन, वैभव, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसलिए हम भक्त वत्सल के इस पेज पर आपके लिए उन पाँच खास उपायों को लाए हैं, जिससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होंगी और आपको धनलाभ होगा। 

मां को चांदी के बर्तन में लगाएं भोग

लक्ष्मी पंचमी के दिन गुड़ और चना का भोग लगाने से, मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। इसलिए इस दिन विशेष तौर से चांदी के बर्तन में चने के साथ गुड़ को रखकर माता लक्ष्मी को भोग लगाना चाहिए। यह धार्मिक दृष्टि से भी बहुत शुभ होता है। 

कच्ची हल्दी और सिक्के की पोटली से आएगी आर्थिक स्थिरता 

लक्ष्मी पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और एक पीले कपड़े में सिक्का और हल्दी के पांच गांठ बांधकर माता लक्ष्मी के मूर्ति के सामने अर्पित कर दें। फिर माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए घी का दीपक प्रज्वलित करें और जब दीपक बुझने लगे तो सिक्के और हल्दी की पोटली को अपने घर की तिजोरी या दुकान की तिजोरी में रख दें। ये उपाय आर्थिक स्थिरता और धन की वृद्धि में मदद करता है।

माता लक्ष्मी को करे लाल गुलाल अर्पित 

लक्ष्मी पंचमी के दिन माता लक्ष्मी को विशेष तौर पर लाल गुलाल अर्पित करें और मां को मखाने की खीर का भोग लगाएं। इसके बाद कनकधारा स्त्रोत का पाठ करें। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। साथ ही, आपको धन-संपत्ति की कमी कभी नहीं महसूस होती है।

केसर और हल्दी है फलदायक

लक्ष्मी पंचमी के दिन धैर्य, ऐश्वर्य और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए केसर और हल्दी को मिलाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को चढ़ाएं। यह उपाय करने से घर में सकारात्मकता बनी रहती हैं। 

लक्ष्मी पंचमी को करें हनुमान जी की पूजा

यदि आपको अपने घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव महसूस होता है तो लक्ष्मी पंचमी के दिन हनुमान जी को लाल गुलाल अर्पित करें। साथ ही, “ॐ हुं हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें, यह उपाय करने से वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मकता बनी रहती है।

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कैसी यह देर लगाई दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी।
भव सागर में घिरा पड़ा हूँ, काम आदि गृह में घिरा पड़ा हूँ।

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बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,
कब लोगे खबर मोरे राम,

मेरा सर ढकने की माई तेरी चूनर काफी है

धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
मेरा सर ढकने को माई तेरी चूनर काफ़ी है।

आ गया फागुन मेला (Aa Gaya Falgun Mela)

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