बड़ी देर भई, कब लोगे खबर मोरे राम (Badi Der Bhai Kab Loge Khabar More Ram)

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

कब लोगे खबर मोरे राम,

बड़ी देर भई,


कहते हैं तुम हो दया के सागर,

फिर क्यूँ खाली मेरी गागर,

झूमें झुके कभी ना बरसे,

कैसे हो तुम घनश्याम ,

हे राम, हे राम

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

॥ कब लोगे खबर...॥


सुनके जो बहरे बन जाओगे ,

आप ही छलिया कह लाओगे,

मेरी बात बने ना बने ,

हो जाओगे तुम बदनाम,

हे राम, हे राम

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

॥ कब लोगे खबर...॥


चलते-चलते मेरे पग हारे,

आई जीवन की शाम ,

कब लोगे खबर मोरे राम,

हे राम, हे राम


बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

कब लोगे खबर मोरे राम,

बड़ी देर भई,


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तेरे डमरू की धुन सुनके, मैं काशी नगरी आई हूँ(Tere Damru Ki Dhun Sunke Main Kashi Nagri Aayi Hun)

तेरे डमरू की धुन सुनके,
मैं काशी नगरी आई हूँ,

धरा पर अँधेरा बहुत छा रहा है (Dhara Par Andhera Bahut Chha Raha Hai)

धरा पर अँधेरा बहुत छा रहा है।
दिये से दिये को जलाना पड़ेगा॥

होली आई रे होली आई रे(Holi Ae Re Holi Aae Re)

होली आई रे होली आई रे होली आई वृन्दावन खेले गोरी
भागन पे आयो है फागण महीना कभू प्रेम की होरी बईं न,

कावड़ उठाले ध्यान, शिव का लगा ले (Kawad Utha Le Dhyan Shiv Ka Laga Le)

कावड़ उठाले ध्यान,
शिव का लगाले ॥

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