कथा राम जी की है कल्याणकारी (Katha Ram Ji Ki Hai Kalyankari)

कथा राम जी की है कल्याणकारी,

मगर ये करेगी असर धीरे धीरे,

अहंकार मद मोह फैला जो भीतर,

उतारेगी सारा जहर धीरे धीरे,

कथा राम जी की हैं कल्याणकारी,

मगर ये करेगी असर धीरे धीरे ॥


ना मौका मिलेगा कभी झंझटो से,

ना मौका मिलेगा कभी झंझटो से,

जैसे भी हो कुछ समय तो निकालो,

जनम आदमी का मिले ना मिले फिर,

चली जा रही है उमर धीरे धीरे,

कथा राम जी की हैं कल्याणकारी,

मगर ये करेगी असर धीरे धीरे ॥


अगर चाहता अपना तू कल्याण प्राणी,

अगर चाहता अपना तू कल्याण प्राणी,

तो करते रहो प्रेम सभी प्राणियों से,

विनय वंदना ही अमर साधना है,

बस हिलाते रहो ये अधर धीरे धीरे,

कथा राम जी की हैं कल्याणकारी,

मगर ये करेगी असर धीरे धीरे ॥


कथा राम जी की है कल्याणकारी,

मगर ये करेगी असर धीरे धीरे,

अहंकार मद मोह फैला जो भीतर,

उतारेगी सारा जहर धीरे धीरे,

कथा राम जी की हैं कल्याणकारी,

मगर ये करेगी असर धीरे धीरे ॥


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तेरे डमरू की धुन सुनके,
मैं काशी नगरी आई हूँ,

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