तुम्ही मेरी नइया, किनारा तुम्ही हो (Tumhi Meri Naiya Kinara Tumhi Ho)

तुम्ही मेरी नइया,

किनारा तुम्ही हो,

मेरी जिंदगी का,

सहारा तुम्ही हो,

तुम्ही मेरी नईया,

किनारा तुम्ही हो ॥


ये नर तन का चोला,

बनाया है तुमने,

सभी अंग ढ़ंग से,

सजाया है तुमने,

तुम्ही मेरी नजरें प्रभुजी,

नजारा तुम्ही हो,

मेरी जिंदगी का,

सहारा तुम्ही हो,

तुम्ही मेरी नईया,

किनारा तुम्ही हो ॥


तुम्ही सूर्य बनकर,

चमकते हो प्यारे,

तुम्ही बिजली बनकर,

कड़कते हो प्यारे,

तुम्ही चाँद तारे प्रभुजी,

सितारा तुम्ही हो,

मेरी जिंदगी का,

सहारा तुम्ही हो,

तुम्ही मेरी नईया,

किनारा तुम्ही हो ॥


तुम्ही बनके बादल,

बरसते हो प्यारे,

तुम्ही फूल बनकर,

महकते हो प्यारे,

नदी सिंधु सागर की,

धारा तुम्ही हो,

मेरी जिंदगी का,

सहारा तुम्ही हो,

तुम्ही मेरी नईया,

किनारा तुम्ही हो ॥


कृपा कोप करुणा,

सभी काम तेरे,

सभी रूप तेरे,

सभी नाम तेरे,

‘देवेंद्र राजेंद्र कैलाश’,

शरण आए तेरे,

यति भिक्षु सद्गुरु,

हमारा तुम्ही हो,

मेरी जिंदगी का,

सहारा तुम्ही हो,

तुम्ही मेरी नईया,

किनारा तुम्ही हो ॥


तुम्ही मेरी नइया,

किनारा तुम्ही हो,

मेरी जिंदगी का,

सहारा तुम्ही हो,

तुम्ही मेरी नईया,

किनारा तुम्ही हो ॥

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राम कहने से तर जाएगा (Ram Kahne Se Tar Jayega Par Bhav Se Utar Jayega)

राम कहने से तर जाएगा,
पार भव से उतर जायेगा।

रंग पंचमी पर देवताओं को कौन सा रंग चढ़ाएं

रंग पंचमी 2025 इस वर्ष 21 मार्च को मनाई जाएगी। यह पर्व होली के पांचवें दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पंचमी तिथि को आता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रंग पंचमी का दिन देवी-देवताओं को समर्पित होता है और इस दिन वे भी गीले रंगों से होली खेलते हैं।

तुम कालों के काल, बाबा मेरे महाकाल(Tum Kalo Ke Kal Baba Mere Mahakal )

तुम कालों के काल,
बाबा मेरे महाकाल ॥

चंद्रदेव को प्रसन्न करने के उपाय

हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। ख़ासकर, पौष मास की अमावस्या को पितरों को प्रसन्न करने और चंद्रदेव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर माना गया है। इस दिन भगवान सूर्य, चंद्रदेव और श्रीहरि की विधिवत पूजा के साथ पिंडदान और तर्पण का विधान है।

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