तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी (Tumhein Har Ghadi Maa Pyar Karegi)

तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,

जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो,

झुलाएगी पलकों के झूले में तुझको,

बस एक बार माँ तुम बुला करके देखो,

तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,

जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥


ज़माने से तुमको जो नही मिला है,

मिलेगा यही माँ को बतला के देखो,

नही बात कोई भी टलेगी तुम्हारी,

ये दावा है विनती सूना करके देखो,

तुम्हे हर घड़ी माँ प्यार करेगी,

जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥


जिधर देखता हूँ चर्चा यही है,

कोई माँ के जैसा दूजा नही है,

कहोगे वो तुम भी जो मैं कह रहा हूँ,

भवन माँ भवानी के जाकर तो देखो,

तुम्हे हर घड़ी माँ प्यार करेगी,

जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥


भुला करके बैठे थे हँसना सदा जो,

वो फूलो के जैसे मुस्का रहे है,

महकने लगेगा तुम्हारा भी जीवन,

ऐ “लख्खा” तू सर को झुका करके देखो,

तुम्हे हर घड़ी माँ प्यार करेगी,

जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥


तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,

जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो,

झुलाएगी पलकों के झूले में तुझको,

बस एक बार माँ तुम बुला करके देखो,

तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,

जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥

........................................................................................................
बांके बिहारी कृष्ण मुरारी (Banke Bihari Krishan Murari)

बांके बिहारी कृष्ण मुरारी मेरे बारी कहाँ छुपे,
दर्शन दीजो शरण में लीजो,

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे (Kabhi Fursat Ho To Jagdambe)

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे,
निर्धन के घर भी आ जाना ।

किस दिन है चंपा षष्ठी का व्रत

चंपा षष्ठी का पर्व भारत के प्राचीन त्योहारों में से एक है, जो विशेष रूप से भगवान शिव के खंडोबा स्वरूप और भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए समर्पित है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह व्रत मनाया जाता है।

श्री गणपत्यथर्वशीर्षम् स्तोत्रम्

ॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयामदेवाः भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः।
स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवाꣳ सस्तनूभिःव्यशेम देवहितं यदायुः॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने