राम नवमी पर अयोध्या में भव्य आयोजन

Ram Navami 2025: राम नवमी पर अयोध्या स्थित राम मंदिर में भव्य आयोजन, जानें कैसे पहुंचे अयोध्या और कहां रुके

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाए जाने वाले राम नवमी पर्व का सनातन धर्म में बहुत अधिक महत्व है। पूरे भारत वर्ष में 6 अप्रैल को यह पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। आपको बता दें कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी अयोध्या नगरी में राम नवमी बहुत ही भव्य तरीके से मनाई जाएगी। क्या आप भी राम नवमी के अवसर पर अयोध्या जाने का प्लान बना रहे हैं? अगर हाँ तो यह आर्टिकल आपके लिए है क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि अयोध्या कैसे पहुंचे और वहां कहां रुक सकते हैं।

आपको बता दें कि इस वर्ष अयोध्या में राम नवमी का त्योहार बहुत ही भव्य, हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस भव्य महोत्सव में अभी तीन दिन बाकी है और अब तैयारियां अपने अंतिम चरण पर है। राम मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद यह दूसरी राम नवमी होगी, इसलिए इस बार सरकारी की ओर से भव्य आयोजन और विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे।

भव्य अनुष्ठान का होगा आयोजन

जानकारी के अनुसार 6 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 20 मिनट से राम मंदिर में अनुष्ठानों का दौर शुरू होगा। जिसमें सबसे पहले राम लला को दूध, दही, घी, शहद और सरयू जल से स्नान करवाया जाएगा। इसके बाद प्रभु श्रीराम को विशिष्ट मुकुट पहनाया जाएगा। वहीं, दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 04 मिनट तक सूर्य तिलक होगा।

वायु मार्ग से ऐसे पहुंचे

वहीं, अगर आप भी इस भव्य अनुष्ठान में शरीक होने के लिए अयोध्या आना चाहते हैं तो हम आपको बताते हैं कि अयोध्या कैसे पहुँचे। अयोध्या प्रशासन के अनुसार अगर आप वायुयान से आना चाहते हैं तो विभिन्न एयरलाइन्स द्वारा महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे हेतु फ्लाइट्स उपलब्ध है जिसकी दूरी अयोध्या धाम से लगभग 10 किलोमीटर है। इसके साथ ही गोरखपुर , प्रयागराज और वाराणसी हवाई अड्डे से भी यहाँ पंहुचा जा सकता है।

रेल मार्ग से कैसे पहुंचे

वहीं, अगर आप रेल मार्ग से पहुँचना चाहते हैं तो फैजाबाद और अयोध्या जिले के प्रमुख रेलवे स्टेशन लगभग सभी प्रमुख महानगरों एवं नगरों से भलि-भांति जुड़े हैं। अयोध्या रेल मार्ग द्वारा लखनऊ से 128 किलोमीटर, गोरखपुर से 171 किलोमीटर, प्रयागराज से 157 किलोमीट और वाराणासी से 196 किलोमीटर है।

सड़क मार्ग से ऐसे पहुंचे

अगर सड़क मार्ग की बात करें तो उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा 24 घंटे उपलब्ध हैं, और सभी छोटे बड़े स्थान से यहां पहुंचना बहुत आसान है। जनपद अयोध्या प्रदेश के प्रमुख शहरों जैसे  लखनऊ से लगभग 130 किलोमीटर दूर, वाराणसी से 200 किलोमीटर, प्रयागराज से 160 किलोमीटर, गोरखपुर से 140 किलोमीटर दूर  और दिल्ली से लगभग 636 किलोमीटर दूर है। लखनऊ, नई दिल्ली और गोरखपुर से अयोध्या को बसें आसानी से उपलब्ध हैं।

इन होटलों में आप ठहर सकते हैं

अगर अयोध्या आने के बाद आप यहां सस्ते में रुकना चाहते हैं तो आप इन सभी धर्मशालाओं और होटल में रुक सकते हैं। आप अयोध्या में साकेत होटल, कृष्णा पैलेस, शाने अवध होटल, अवंतिका होटल, तिरुपति होटल, आभा होटल, महाराष्ट्र धर्मशाला, बिरला धर्मशाला, जैन धर्मशाला, गुजराती धर्मशाला, राही धर्मशाला और राम श्याम होटल में रुक सकते हैं।


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29 या 30 नवंबर, मासिक शिवरात्रि कब है?

मासिक शिवरात्रि का पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है।

दुर्गा अष्टमी क्यों मनाई जाती है

मासिक दुर्गा अष्टमी हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी साधक मां दुर्गा की पूरी श्रद्धा और लगन से व्रत करता है। मां उन सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

श्री गायत्री चालीसा (Sri Gayatri Chalisa)

हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड ।
शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ॥

गुरू प्रदोष व्रत की पूजा विधि

प्रदोष व्रत सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। हर महीने दो प्रदोष व्रत और पूरे साल में 24 व्रत होते हैं।

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