श्याम के बिना तुम आधी - भजन (Shyam Ke Bina Tum Aadhi)

श्याम के बिना तुम आधी,

तुम्हारे बिना श्याम आधे,

राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे,

आठो पहर जो रहे अंग संग,

उस सांवरे की एक झलक,

दिखला दे,

राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे ॥


मैं तो संवारे के रंग मे राजी,

बाँध घुँघरू भी पग मे नाची,

कैसो निष्ठुर भयो यशोदा का लाला,

बात मेरे ह्रदय की ना मानी,

अपनो के संग यूँ करते नहीं,

सांवरे को नेक* समझा दे,

राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे ॥


छवि श्याम की बसाई लई चित मे,

खड़ी बाट निहारू नित्-नित् मैं,

श्याम के बिना मुझे कुछ नहीं सुझे,

श्याम के बिना जाऊ कित मैं,

कैसे बुझे प्यास नैनो की,

रास्ता कोई तो दिखला दे,

राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे ॥


कही केशव कही पे कन्हैया,

कही नटवर रास रचैया,

मेरी भी नैय्या अटकी भँवर मे,

पार कर देना बनके खिवैया,

विनती मेरी भी इत्ती** सी,

बंसी बजैया तक पहुँचा दे,

राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे ॥


श्याम के बिना तुम आधी,

तुम्हारे बिना श्याम आधे,

राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे ॥


आठो पहर जो रहे अंग संग,

उस सांवरे की एक झलक,

दिखला दे,

राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे ॥


राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे ॥

........................................................................................................
छठी माई के घटिया पे (Chhati Mai Ke Ghatiya Pe)

छठी माई के घटिया पे,
आजन बाजन,

गुरुवायुर एकादशी मंदिर की पौराणिक कथा

"दक्षिण का स्वर्ग" कहे जाने वाले अतिसुन्दर राज्य केरल में गुरुवायुर एकादशी का पर्व पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है। यह पर्व गुरुवायुर कृष्ण मंदिर में विशेष रूप से मनाया जाता है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।

दर्शन को अखियाँ प्यासी है, कब दर्शन होगा श्याम धणी(Darshan Ko Akhiyan Pyasi Hai, Kab Darshan Hoga Shyam Ghani)

दर्शन को अखियाँ प्यासी है,
कब दर्शन होगा श्याम धणी,

म्हारा घट मा बिराजता श्रीनाथजी (Mara Ghat Ma Birajta Shrinathji)

म्हारा घट मा बिराजता,
श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।