शुरू हो रही है राम कहानी - भजन (Shuru Ho Rahi Hai Ram Kahani)

शुरू हो रही है राम कहानी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी,

महिमा पुरानी वेद बखानी,

तुलसी की वाणी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी ॥


जग कर्ता-धर्ता भरता है,

माता पिता बंधु दाता है,

प्रेम से याज्ञवल्क्य जी गाये,

जीवन धन मानी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी ॥


कथा श्रवण से सुख मिलता है,

जन्म मरण भव दुख मिटता है,

कागभुसुंडि जी नित गाये,

सब गुण खानी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी ॥


अधर्म राज का अंत हुआ है,

जीवन धर्म जीवंत हुआ है,

अवध में राजा राम सुहाए,

सीता महारानी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी ॥


दुनिया का अनमोल रतन है,

कृष्णानंद का जीवन धन है,

पार्वती को शिव जी सुनाएं,

परा भक्ति दानी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी ॥


शुरू हो रही है राम कहानी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी,

महिमा पुरानी वेद बखानी,

तुलसी की वाणी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी ॥

........................................................................................................
शरण में आये हैं हम तुम्हारी (Sharan Mein Aaye Hain Hum Tumhari)

शरण में आये हैं हम तुम्हारी,
दया करो हे दयालु भगवन ।

गुरु मेरी पूजा, गुरु गोबिंद, गुरु मेरा पारब्रह्म (Guru Meri Puja Guru Mera Parbrahma)

गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद
गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत

मत्स्य द्वादशी पर कैसे करें विष्णु पूजा

त्स्य द्वादशी पर सही तरीके से पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और वे प्रसन्न होते हैं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।

रुक्मिणी अष्टमी के दिन करें ये उपाय

पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है। जो इस साल 22 दिसंबर को मनाया जा रहा है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पहली पत्नी देवी रुक्मिणी के जन्म की याद में मनाया जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।