भजन करो मित्र मिला आश्रम नरतन का (Bhajan Karo Mitra Mila Ashram Nartan Ka)

बैठ के तु पिंजरे में,

पंछी काहे को मुसकाय,

हम सब है इस जग में कैदी,

तु ये समझ ना पाय ॥


भजन बिना चैन ना आये राम,

कोई ना जाने कब हो जाये,

इस जीवन की शाम ॥

बोलो राम राम राम ॥


मोह-माया की आस तो पगले,

होगी कभी ना पूरी,

करते-करते भजन प्रभु का,

मिट जायेगी दूरी,

हम दूरी के साथ-साथ लो,

सब ही प्रभु का नाम,

भजन बिना चैन ना आये राम ॥


बोलो राम राम राम ॥

बोलो राम राम राम ॥


भजन है अमृत रस का प्याला,

शाम सवेरे पीना,

इसको पीकर सारा जीवन,

मस्ती में तू जीना

भक्ति कर तो बन जायेंगे,

अपने बिगड़े काम,

भजन बिना चैन ना आये राम ॥


बोलो राम राम राम ॥

बोलो राम राम राम ॥


भजन बिना चैन ना आये राम,

कोई ना जाने कब हो जाये,

इस जीवन की शाम ॥

बोलो राम राम राम ॥

बोलो राम राम राम ॥

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राधा के मन में, बस गए श्याम बिहारी(Radha Ke Man Mai Bas Gaye Kunj Bihari)

श्याम रंग में रंग गई राधा,
भूली सुध-बुध सारी रे,

जन्मे है राम रघुरैया, अवधपुर में (Janme Hai Ram Raghuraiya Awadhpur Mein )

जन्मे है राम रघुरैया,
अवधपुर में बाजे बधैया,

नैनन में श्याम समाए गयो(Nainan Me Shyam Samay Gayo)

नैनन में श्याम समाए गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो ।

गुरू प्रदोष व्रत की पूजा विधि

प्रदोष व्रत सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। हर महीने दो प्रदोष व्रत और पूरे साल में 24 व्रत होते हैं।

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