भवानी मैया शारदा भजो रे (Bhawani Maiya Sharda Bhajo Re)

भवानी मैया शारदा भजो रे,

शारदा भजो रे,

भर जेहे सकल भण्डार रे,

भवानी मैया हो ॥


रुठ के बैठी शारदा भुवन में,

शारदा भुवन में,

लंबे लंबे बिखराये अपने केश रे,

रुठ के बैठी हो ॥


रक्तवर्ण के फुलवा माँ मंगावे,

फुलवा मां मंगावे रे,

लंगुरवा पठावे हिंगलाज रे,

रक्तवर्ण के हो ॥


जाओ जाओ बारे रे लंगुरवा,

बारे रे लंगुरवा लाओ फुलवा,

पंखुडिएं जिनमें पाँच रे,

के जाओ लंगुरवा हो ॥


हिंगलाज में बैठी भवानी मैया,

बैठी भवानी मैया,

बिंदिया चमके चमक गुलज़ार रे,

अरे हिंगलाज में हो ॥


भवानी मैया शारदा भजो रे,

शारदा भजो रे,

भर जेहे सकल भण्डार रे,

भवानी मैया हो ॥


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भगवान कार्तिकेय की पूजा किस विधि से करें?

हिंदू धर्म में भगवान कार्तिकेय शिव-शक्ति के ज्येष्ठ पुत्र हैं। उन्हें युद्ध और बुद्धि का देवता कहा जाता है। इतना ही नहीं, भगवान कार्तिकेय को शक्ति और पराक्रम का स्वामी के रूप में भी जाना जाता है।

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जय महाकाली शेरावाली, सारे जग की तू रखवाली (Jai Mahakali Sherawali Saare Jag Ki Tu Rakhwali)

जय महाकाली शेरावाली,
सारे जग की तू रखवाली,

बेद की औषद खाइ कछु न करै माँ गंगा माहात्म्य (Bed Ki Aushad Khai Kachhu Na karai: Ganga Mahatmy)

बताओ कहाँ मिलेगा श्याम ।
चरण पादुका लेकर सब से पूछ रहे रसखान ॥

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