जय जय गणपति गौरी नंदन (Jai Jai Ganpati Gauri Nandan)

जय जय गणपति गौरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु,

तुम रिद्धि सिद्धि के हो दाता,

हम भक्तन पर बलिहारी प्रभु,

जय जय गणपति गौंरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु ॥


ब्रम्हा विष्णु शिव ध्यान धरे,

मिल देवता सब सम्मान करे,

हम करते है वंदन तेरा,

और आए शरण तिहारी प्रभु,

जय जय गणपति गौंरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु ॥


हम आस लगाए बैठे है,

तेरा ध्यान लगाए बैठे है,

भक्तन को सच की राह दिखा,

और सबको पार लगाना प्रभु,

जय जय गणपति गौंरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु ॥


शिव शंकर ने वरदान दिया,

तुम प्रथम ही पूजे जाओगे,

मैंने भी प्रथम तुम्हे पूजा है,

मुझे भव से पार लगाना प्रभु,

जय जय गणपति गौंरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु ॥


तीनों लोको में तुम जैसा,

दूजा कोई देव ना दानी है,

जो कोई लाये मुरादें प्रभु,

पूरी सब तुम कर देना प्रभु,

जय जय गणपति गौंरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु ॥


जय जय गणपति गौरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु,

तुम रिद्धि सिद्धि के हो दाता,

हम भक्तन पर बलिहारी प्रभु,

जय जय गणपति गौंरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु ॥

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मेरे बाबा तुझे किसने सजाया, दिल गया हार सांवरे (Mere Baba Tujhe Kisne Sajaya Dil Gaya Haar Sanware)

मेरे बाबा तुझे किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे,

बजरंगबली हनुमान, तेरा जग में डंका बाज रया (Bajrangbali Hanuman Tera Jag Mein Danka Baj Raha)

बजरंगबली हनुमान,
तेरा जग में डंका बाज रया ॥

मां ज्वाला देवी की कथा

मां भगवती के 51 शक्तिपीठों में से एक, ज्वालामुखी मंदिर, अपनी अनूठी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है। इसे 'जोता वाली मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता सती के शरीर के टुकड़े जहां-जहां गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ स्थापित हुए।

बिल्वाष्टकम् (Bilvashtakam)

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधं, त्रिजन्मपापसंहारं एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥1॥

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