पहली बार सकट चौथ करते समय इन बातों का ध्यान रखें

Sakat Chauth 2025: पहली बार रखने वाली हैं सकट चौथ का व्रत? तो इन बातों का जरूर रखें ख्याल!


हिंदू धर्म में संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि से जुड़े कई व्रत-त्योहार हैं। जिनमें से सकट चौथ का पर्व विशेष माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। पहली बार सकट चौथ व्रत रखने वालों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। तो आइए, इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि इस व्रत के दौरान किन बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। 



जानिए सकट चौथ व्रत रखने के नियम 


अगर आप पहली बार सकट चौथ का व्रत रखने जा रहे हैं, तो आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इन नियमों को ध्यान में रखने से व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।


  1.  सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को तिलकुट का भोग जरूर लगाना चाहिए। इसलिए, आप भोग में तिल के लड्डू या तिल से बनी मिठाई को शामिल कर सकते हैं।
  2. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सकट चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है। इस दिन चंद्रमा को जल अर्घ्य देने के बाद ही अपने व्रत का पारण करना चाहिए।
  3. सकट चौथ के दिन गणेश जी को  प्रिय रंगों के ही कपड़े पहनने चाहिए। इस दिन महिलाओं को लाल, हरे और पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
  4. सकट चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन भूलकर भी काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
  5. व्रती महिलाएं इस दिन ध्यान रखें कि चंद्रमा को अर्घ्य देते समय पानी की छींटे पैरों पर नहीं गिरनी चाहिए। पानी की छींटे पैरों पर गिरना अशुभ माना जाता है।
  6. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सकट चौथ के दिन गणपति जी को मोदक का भोग अवश्य लगाना चाहिए। इससे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  7. सकट चौथ व्रत के दिन भगवान गणेश की पूजा में केतकी के फूल और तुलसी का इस्तेमाल कदापि नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ हो सकता है।
  8. इसके अलावा सकट चौथ पर गणेश जी की खंडित मूर्ति की पूजा भी नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है।
  9. आप सकट चौथ के दिन गणेश जी की नई तस्वीर या मूर्ति लाकर भी उनकी पूजा कर सकते हैं।



सकट चौथ व्रत की तिथि  


वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सकट चौथ व्रत रखा जाता है। इस साल यानी 2025 में सकट चौथ व्रत 17 जनवरी 2025 को रखा जाएगा। 



सकट चौथ व्रत का महत्व 


सकट चौथ को सकट, तिलकुटा चौथ, वक्र-तुण्डि चतुर्थी और माघी चौथ भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि सकट चौथ व्रत में गौरी पुत्र गणेश और सकट माता की आराधना करने से संतान के सुखी जीवन का आशीर्वाद मिलता है। 



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लल्ला की सुन के मै आयी यशोदा मैया देदो(Lalla Ki Sun Ke Mai Aayi Yashoda Maiya Dedo Badhai)

लल्ला की सुन के मै आयी,
यशोदा मैया देदो बधाई,

क्यों मनाते हैं सकट चौथ

सकट चौथ व्रत करने से भगवान गणेश जी प्रसन्न होते हैं और सभी प्रकार के दुखों को हर लेते हैं। इस दिन माताएं अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और दीर्घायु की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ करना बेहद आवश्यक माना गया है।

वृश्चिक संक्रांति का मुहूर्त

भगवान सूर्य देव की उपासना का दिन वृश्चिक संक्रांति हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहार में से एक है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को धन वैभव की प्राप्ति के साथ दुःखों से मुक्ति मिलती है। लेकिन क्या आपको पता है इस साल वृश्चिक संक्रांति कब हैं। वृश्चिक संक्रांति 2824 को लेकर थोड़ा असमंजस है।

तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी (Tune Jeena Sikhaya Bholenath Ji)

तुम्हे दिल में बसाया,
तुम्हे अपना बनाया,

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