यशोदा जायो ललना मैं वेदन में सुन आई (Yashoda Jaayo Lalna Mai Vedan Me Sun Aayi)

यशोदा जायो ललना,

मैं वेदन में सुन आई,

मैं वेदन में सुन आई,

पुराणन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


मथुरा या ने जन्म लियो है,

मथुरा या ने जन्म लियो है,

गोकुल में झूले पलना,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


ले वसुदेव चले गोकुल को,

ले वसुदेव चले गोकुल को,

यमुना ने धोए चरणा,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


रत्न जड़ित या को बनो है पालना,

रत्न जड़ित या को बनो है पालना,

रेशम के लागे घूघरा,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


चन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छवि,

चन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छवि,

चिर जीवे तेरो ललना,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


यशोदा जायो ललना,

मैं वेदन में सुन आई,

मैं वेदन में सुन आई,

पुराणन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥

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देश के प्रमुख सूर्य मंदिर

हिंदू धर्म में, सूर्यदेव का विशेष स्थान है। वे नवग्रहों में प्रमुख माने जाते हैं। साथ ही स्वास्थ्य, ऊर्जा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।

ओ जंगल के राजा, मेरी मैया को ले के आजा (O Jungle Ke Raja Meri Maiya Ko Leke Aaja)

ओ जंगल के राजा,
मेरी मैया को ले के आजा,

श्री रुद्राष्टकम् मंत्र (Sri Rudrashtakam Mantra)

॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥ ॥ Shrirudrashtakam ॥
namaamishmishan nirvanarupam
vibhum vyapakam bramvedasvarupam .
nijam nirgunam nirvikalpam niriham
chidakashamakashavasam bhaje̕ham . 1.

महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की कृपा से मिलेगा मनचाहा दूल्हा

सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का शुभ अवसर माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।

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