महाकाल की नगरी मेरे मन को भा गई (Mahakal Ki Nagri Mere Maan Ko Bha Gayi)

मेरे भोले की सवारी आज आयी,

मेरे शंकर की सवारी आज आयी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥


गले में उसके सर्पो की माला,

शम्भू पीते विष का प्याला,

सुन्दर रूप है उसका निराला,

बाबा मेरा भोला भाला,

तेरा नाम जपे दुनिया सारी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥


जटा गंग भंग पि के आए,

गौरा मैया के मन हर्षाये,

अक धतूरा जो भोग लगाए,

उसकी नैया पार लगाए,

भोला कहलाता है विषधारी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥


अंग पे अपने भस्म रमाए,

डम डम डम डम डमरू बजाए,

औघड़दानी रूप धरा है,

‘ब्रजवासी’ तेरी महिमा गाए,

शिव नाम के है सारे पुजारी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥


मेरे भोले की सवारी आज आयी,

मेरे शंकर की सवारी आज आयी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥

........................................................................................................
मैं हर दिन हर पल हर लम्हा, माँ ज्वाला के गुण गाता हूँ (Main Har Din Har Pal Har Lamha Maa Jwala Ke Gun Gata Hu)

मैं हर दिन हर पल हर लम्हा,
माँ ज्वाला के गुण गाता हूँ,

भाद्रपद मासिक शिवरात्रि 2024

भाद्रपद शिवरात्री के दिन भगवान शिव की पूजा मे उपयोग करें ये मंत्र, मिलेगी शनि के दुष्प्रभाव से मुक्ति

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को (Suraj Ki Garmi Se Jalte Hue Tan Ko)

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया,
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम ॥

कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa)

जय जय कैला मात हे, तुम्हे नमाउ माथ ॥
शरण पडूं में चरण में, जोडूं दोनों हाथ ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने