चैत्र अमावस्या पर ये गलतियां न करें

चैत्र अमावस्या पर इन 3 गलतियों से खुद को बचाएं, इनसे हो सकती है धन हानि


हिंदू धर्म में चैत्र अमावस्या का विशेष महत्व है। यह दिन पितृ शांति और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए बहुत शुभ माना जाता है। यदि इस दिन विधिपूर्वक पूजन और कुछ धार्मिक उपाय किए जाएं, तो आपके जीवन में शांति, समृद्धि और धन की प्राप्ति निश्चित रूप से होती है। वहीं, इस दिन जाने-अनजाने में की हुई गलतियां आपके भाग्य पर बहुत नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं और जीवन में आर्थिक हानि का भी कारण बन सकती है।

पितरों का तर्पण और पिंडदान न भूलें


गरुड़ पुराण के अनुसार इस दिन पितरों का तर्पण या पिंडदान न करना बहुत बड़ा अपराध माना गया है, इससे पूर्वज नाराज होते हैं और सभी कार्यों में बाधाएं आनी लगती हैं।
 इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और अपने रीति-रिवाजों के अनुसार पितृ पूजन करना चाहिए। ऐसा करने से आप दुर्भाग्य से बच सकते हैं।

मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन न करें


हिंदू धर्म में चैत्र अमावस्या को पितृ पूजन का एक शुभ अवसर माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन मांसाहारी भोजन और शराब का भूलकर भी सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इन चीजों का सेवन करने से आपके पूर्वज नाराज हो सकते हैं, जिससे आपको आर्थिक हानि और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। चैत्र अमावस्या के दिन व्रत रखें या फलाहार पर रहें। साथ ही गरीबों और जरूरतमंदों को भी भोजन कराएं, इससे पितरों की विशेष कृपा प्राप्त होती है।


गुस्सा-अपशब्द न कहें


चैत्र अमावस्या एक बहुत पावन तिथि है और इस दिन खास तौर पर पितरों की पूजा की जाती है। इस तिथि पर गुस्सा करना तथा अपशब्दों का प्रयोग करना आपके पितरों को नाराज कर सकता है साथ ही पितृ पूजन में बाधा भी ला सकता है। इसलिए इस दिन खुद पर नियंत्रण रखें और क्रोध तथा कटु शब्दों से बचें। साथ ही, घर के बूढ़े बुजुर्गों का सम्मान करें और "ॐ नमः शिवाय" का जाप ज्यादा से ज्यादा करें। इससे आपके तन और मन से नकारात्मकता दूर होती है और घर में भी सुख और शांति बनी रहती है।

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जो प्रेम गली में आए नहीं (Jo Prem Gali Me Aaye Nahi)

जो प्रेम गली में आए नहीं,
प्रियतम का ठिकाना क्या जाने,

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ(Hey Shambhu Baba Mere Bhole Nath)

शिव नाम से है,
जगत में उजाला ।

रघुपति राघव राजाराम(Raghupati Raghav Raja Ram)

रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥

शुक्रवार व्रत कथा और महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सप्ताह के सातों दिनों में से शुक्रवार का दिन माता संतोषी को समर्पित माना जाता है। शुक्रवार के दिन मां संतोषी का व्रत उनकी व्रत कथा के बिना अधूरा माना जाता है।

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