जय हों तेरी गणराज गजानन (Jai Ho Teri Ganraj Gajanan)

जय हो तेरी गणराज गजानन ॥


दोहा – प्रथमें गौरा जी को वंदना,

द्वितीये आदि गणेश,

तृतीये सिमरा माँ शारदा,

मेरे काटो सकल कलेश ॥


जय हो तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज,

प्रथम पूज्य तुम देव हो देवा,

देवो के महाराज,

जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज ॥


सारी दुनिया में तुमसा,

ना दूजा कोई,

जो भी आशा करे,

पूरी तुमसे हुई,

मंगलकर्ता विघ्नहरैया,

पूरण करते काज,

जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज ॥


मांगे दर से तुम्हारे,

तो सब कुछ मिले,

सबका आँगन,

खुशी से है फुले फले,

तीनो लोक के स्वामी हो तुम,

देवो के सरताज,

जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज ॥


जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज,

प्रथम पूज्य तुम देव हो देवा,

देवो के महाराज,

जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज ॥

........................................................................................................
घर पर कैसे करें पितरों की पूजा

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में मनाए जाने वाले श्राद्ध को पितृ पक्ष कहते हैं। इस दौरान पूर्वजों का श्राद्ध उनकी तिथि के अनुसार श्रद्धा भाव से विधि-विधानपूर्वक किया जाता है।

भरोसा कर तू ईश्वर पर (Bharosa Kar Tu Ishwar Par)

भरोसा कर तू ईश्वर पर,
तुझे धोखा नहीं होगा ।

Ganpati Ji Ganesh Nu Manaiye (गणपति जी गणेश नू मनाइये)

गणपति जी गणेश नू मनाइये,
सारे काम रास होणगे,

मंगलदेव की पूजा किस विधि से करें?

ज्योतिष शास्त्र में मंगलदेव को युद्ध का देवता कहा जाता है। इनकी पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को ऊर्जा और साहस मिलती है। वहीं अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल उच्च स्थिति मे होते हैं, तो उन्हें मांगलिक कहा जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने