जो देना हो तो मईया, उपहार ये देना (Jo Dena Ho To Maiya Uphar Ye Dena)

जो देना हो तो मईया,

उपहार ये देना,

तेरी ममता पर थोड़ा,

अधिकार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥


वैसे तो पहले ही,

काफी है ये तोहफा,

तू है मेरी मैया है,

मैं हूँ तेरा बेटा,

बेटा का जिस पर हक़ है,

वो प्यार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥


दौलत से जीने के,

साधन तो मिल जाए,

पर माँ की ममता को,

लेने कहाँ जाए,

मुझको है बस ममता की,

दरकार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥


अमृत में ममता का,

जो अंश ना होता,

तो विष और अमृत में,

कोई फर्क ना होता,

‘सोनू’ को उस अमृत की,

एक धार दे देना,

तेरी ममता पर थोड़ा,

अधिकार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥


जो देना हो तो मईया,

उपहार ये देना,

तेरी ममता पर थोड़ा,

अधिकार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥

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पूछ रही राधा बताओ गिरधारी (Pooch Rahi Radha Batao Girdhari)

पूछ रही राधा बताओ गिरधारी,
मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।

मासिक जन्माष्टमी पर पूजन

सनातन हिंदू धर्म में, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

रूक्मिणी-श्रीकृष्ण के विवाह से जुड़ी कथा

पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है, जो इस साल 22 दिसंबर को पड़ रही है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पहली पत्नी देवी रुक्मिणी के जन्म की याद में मनाया जाता है।

इतनी किरपा कीजिये, सालासर हनुमान(Itni Kripa Kijiye Salasar Hanuman)

इतनी किरपा कीजिये
सालासर हनुमान,

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