ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली (Odh Chunariya Maiya Lal Chali)

ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली,

सिंघ सवारी पे है लगती भली ॥


ब्रम्हा जी ने इस चुनरी पर,

चारो वेद लिखाए,

सारे देवी और देवता,

देख जिसे हर्षाए,

इस चुनरी की शोभा न्यारी,

देख चाँद शर्माए,

ऐसी चुनरी तीन लोक में,

और ना देखि जाए,

करले जो दर्शन उसकी,

चिंता टली,

सिंघ सवारी पे है लगती भली,

पीछे पीछे है भैरो नाथ चले,

आगे चले है वीर बजरंग बलि,

ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली,

सिंघ सवारी पे है लगती भली ॥


भोले बाबा इस चुनरी में,

ॐ नाम लिखवाया,

हिरे मोती माणिक जड़के,

इसको खूब सजाया,

महादेव को इस चुनरी में,

लाल रंग है भाया,

इस चुनरी की शोभा न्यारी,

और गजब है माया,

हो रही चर्चा जिसकी,

गांव और गली,

सिंघ सवारी पे है लगती भली,

पीछे पीछे है भैरो नाथ चले,

आगे चले है वीर बजरंग बलि,

ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली,

सिंघ सवारी पे है लगती भली ॥


ब्रम्हा जी बोले ये चुनरी,

है सतियों का गहना,

सतवंती नारी को सिखाए,

सत पे पथ पे चलना,

इस चुनरी को प्रेम सहित,

ओढ़े जो कोई बहना,

रहे सुहागन सदा वो नारी,

‘राजपाल’ का कहना,

घर घर में ‘लख्खा’ ज्योत,

माँ की जली,

सिंघ सवारी पे है लगती भली,

पीछे पीछे है भैरो नाथ चले,

आगे चले है वीर बजरंग बलि,

ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली,

सिंघ सवारी पे है लगती भली ॥


लाल रंग की लाल चुनरियाँ,

लाल है तेरे लाए,

रंग लाल करता कमाल,

जो तेरे मन को भाए,

ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली,

सिंघ सवारी पे है लगती भली,

पीछे पीछे है भैरो नाथ चले,

आगे चले है वीर बजरंग बलि,

ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली,

सिंघ सवारी पे है लगती भली ॥

........................................................................................................
खाटू वाले श्याम हमारे(Khatu Wale Shyam Hamare)

खाटू वाले श्याम हमारे,
भक्तों के तू काज संवारे,

गणपति राखो मेरी लाज (Ganpati Rakho Meri Laaj)

गणपति राखो मेरी लाज,
गणपति राखो मेरी लाज,

श्री रामदेव चालीसा (Shri Ramdev Chalisa)

जय जय जय प्रभु रामदे, नमो नमो हरबार।
लाज रखो तुम नन्द की, हरो पाप का भार।

फुलेरा दूज का श्रीकृष्ण से संबंध

फुलेरा दूज का त्योहार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है और धूमधाम से मनाया जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने