मंदिर बनेगा धीरे धीरे: रामजी भजन (Ramji Ka Mandir Banega Dheere Dheere)

रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे

सरयू के तीरे, सरयू के तीरे

रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे

सरयू के तीरे, सरयू के तीरे


रज सभी विधाओं की आई अयोध्या

जल सारी नदियों से पहुँचा अयोध्या

चाँदी की हैं इंटें, नीव मे समाई

हीरे और मोती से पूजन है कराई

कलस पूजन होगा जन्मभूमि तीरे


रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे

सरयू के तीरे, सरयू के तीरे


ऊँचे ऊँचे शिखारों की कल्पना करी है

भव्य मंदिर की नीव पड़ी है

खुश हैं सभी साधु संत, नर-नारी

देश विदेश मे भी खुशियाँ हैं न्यारी

नाचेंगे गाएँगे भक्त धीरे धीरे


रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे

सरयू के तीरे, सरयू के तीरे

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रविवार की पूजा विधि

हिंदू धर्म में रविवार का दिन विशेष रूप से भगवान सूर्यदेव से जुड़ा हुआ है। इसे "रविवार व्रत" या "सूर्य व्रत" के रूप में मनाया जाता है। रविवार को सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि, सम्मान और शक्ति की प्राप्ति होती है।

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को (Suraj Ki Garmi Se Jalte Hue Tan Ko)

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया,
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम ॥

हनुमान ने कर दिया काम, चुटकी बजाई करके (Hanuman Ne Kar Diya Kaam Chutki Bajay Karke)

सारे हार गए जोर लगाई करके,
हनुमान ने कर दिया काम,

मत घबरा मन बावरे (Mat Ghabra Mann Baware)

मत घबरा मन बावरे,
है श्याम तेरा रखवाला,

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