मंदिर बनेगा धीरे धीरे: रामजी भजन (Ramji Ka Mandir Banega Dheere Dheere)

रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे

सरयू के तीरे, सरयू के तीरे

रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे

सरयू के तीरे, सरयू के तीरे


रज सभी विधाओं की आई अयोध्या

जल सारी नदियों से पहुँचा अयोध्या

चाँदी की हैं इंटें, नीव मे समाई

हीरे और मोती से पूजन है कराई

कलस पूजन होगा जन्मभूमि तीरे


रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे

सरयू के तीरे, सरयू के तीरे


ऊँचे ऊँचे शिखारों की कल्पना करी है

भव्य मंदिर की नीव पड़ी है

खुश हैं सभी साधु संत, नर-नारी

देश विदेश मे भी खुशियाँ हैं न्यारी

नाचेंगे गाएँगे भक्त धीरे धीरे


रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे

सरयू के तीरे, सरयू के तीरे

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सूर्य स्तोत्र

विकर्तनो विवस्वांश्च मार्तण्डो भास्करो रविः।
लोक प्रकाशकः श्री मांल्लोक चक्षुर्मुहेश्वरः ॥ लोकसाक्षी त्रिलोकेशः कर्ता हर्ता तमिस्रहा।

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र (Shiv Panchakshar Stotram )

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥ ॥ Shrishivpanchaksharastotram ॥
nagendraharay trilochanay,
bhasmangaragay maheshvaray .
nityay shuddhay digambaray,
tasmai na karay namah shivay .1.

घर में पधारो गजानन जी(Ghar Me Padharo Gajanan Ji)

घर में पधारो गजाननजी,
मेरे घर में पधारो

ना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते हैं (Na Jane Kaun Se Gun Par Dayanidhi Reejh Jate Hain)

ना जाने कौन से गुण पर,
दयानिधि रीझ जाते हैं ।

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