उनकी रेहमत का झूमर सजा है (Unki Rehmat Ka Jhoomar Saja Hai)

उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।

मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥


मेरी झोली भी सरकार भर दो,

अपने सब की झोली भरी है,

अपनी महफिल से भेजो न खाली,

अपने सबकी झोली भरी है ॥


उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।

मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥


मुझको महसूस यह हो रहा है,

तेरी महफिल में करुणा भरी है,

अपनी महफिल में करुना भरसा दो,

कमलीवाले की महफिल सजी है ॥


उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।

मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥


तुमे अपना समजने मैं आया,

मांगने को तो दुनिया पड़ी है,

मुझे अपना समज के दया कर,

तेरी महफिल में करुना भरी है ॥


उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।

मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥


तेरे दर से ना कोई खाली,

अपने सब की झोली भरी है,

मेरी झोली भी सरकार भर दो

अपने सब की झोली भरी है ॥


उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।

मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥


श्याम राधे राधे, घनश्याम राधे राधे ।

श्याम राधे राधे, घनश्याम राधे राधे ।

श्याम राधे राधे, घनश्याम राधे राधे ।

कुंज मे विराजे, घनश्याम राधे राधे ।

कुंज मे विराजे, घनश्याम राधे राधे ।

कुंज मे विराजे, घनश्याम राधे राधे ।

श्री वृंदावन, राधे राधे ।

श्री वृंदावन, राधे राधे ।

श्री वृंदावन, राधे राधे ।

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शिव पार्वती ने तुम्हे, वरदान दे दिया (Shiv Parvati Ne Tumhe Vardan De Diya)

शिव पार्वती ने तुम्हे,
वरदान दे दिया,

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राजधानी लागे,

सन्तोषी माता/शुक्रवार की ब्रत कथा (Santhoshi Mata / Sukravaar Ki Vrat Katha

एक नगरमें एक बुढ़ियाके सात पुत्र थे, सातौके विवाह होगए, सुन्दर स्त्री घर में सम्पन्न थीं। बड़े बः पुत्र धंधा करते थे बोटा निठल्ला कुछ नहीं करता था और इस ध्यान में मग्न रहता था कि में बिना किए का खाता हूं।

काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले - भजन (Kali Kali Alko Ke Fande Kyun Dale)

काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥

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