धनु संक्रांति के दिन के विशेष उपाय

धनु संक्रांति के दिन जरूर करें ये उपाय, धन लाभ के साथ मिलेगी तरक्की


हिंदू धर्म में संक्रांति तिथि का काफी महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने सूर्य की राशि परिवर्तन पर संक्रांति मनाई जाती है। इस बार मार्गशीर्ष माह में 15 दिसंबर को धनु संक्रांति पड़ रही है। इस दिन सूर्य देव मकर राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। और खरमास की शुरुआत हो जाएगी। इसके बाद शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित हो जाएंगे। इस दिन स्नान और दान का बहुत ही खास विधान है। तो आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं धनु संक्रांति के मुहूर्त और इससे जुड़े कुछ विशेष उपायों के बारे में। 

स्नान-दान से मिलता है शुभ फल


धनु संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान, पूजा, जप-तप और दान करने की प्रथा है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य भगवान की पूजा करने से साधक को जीवन में कई शुभ फल की प्राप्ति होती है। 

जानिए धनु संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त


  • धनु संक्रांति- 15 दिसंबर 2024
  • धनु संक्रांति पुण्यकाल- दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से शाम 5 बजकर 26 मिनट तक। 
  • धनु संक्रांति महा पुण्य काल- दोपहर 3 बजकर 43 मिनट से शाम 5 बजकर 26 मिनट तक। 

धनु संक्रांति के दिन अवश्य करें ये उपाय


  1. धनु संक्रांति के दिन सुबह स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन लें। इसके बाद किसी आसन पर बैठकर 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही भगवान सूर्य देव से प्रार्थना करें। इस उपाय को करने से कारोबार और करियर दोनों में तरक्की होती है।
  2. धनु संक्रांति के दिन भगवान विष्णु के साथ धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं। ऐसा करने धन-धान्य और सौभाग्य में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है।
  3. धन संक्रांति के दिन नदी में स्नान और दान करने का विधान सदियों पुराना है। इसके साथ ही इस दिन पितरों की पूजा भी की जाती है। साथ ही सूर्य देव को भी अर्घ्य दिया जाता है। ऐसा करने से पूर्वजों की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है।
  4. धनु संक्रांति के दिन गरीब और जरूरतमंदों को अन्न, धन और गर्म वस्त्र का दान करना चाहिए। मान्यता है कि इससे व्यक्ति के धन में दोगुनी बरकत होती है। 
  5. धनु संक्रांति के दिन बिना नमक वाला भोजन ग्रहण करना चाहिए। माना जाता है कि इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद साधक को प्राप्त होता है।
  6. एक मान्यता है कि धनु संक्रांति के दिन गायत्री मंत्र का जप करने से कई शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

सनातन धर्म में धनु संक्रांति का महत्व


धनु संक्रांति के दिन धार्मिक अनुष्ठान करने से सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी तो होती ही है। साथ ही इस दिन सूर्य देव की उपासना करने से निरोगी काया का आशीर्वाद भी मिलता है। धनु संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और घर-परिवार के ऊपर से सभी संकट दूर हो जाते हैं।

........................................................................................................
मन मोहन मूरत तेरी प्रभु(Mann Mohan Murat Teri Prabhu)

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ।

झुमर झलके अम्बा ना, गोरा गाल पे रे(Jhumar Jhalke Amba Na Gora Gaal Pe Re)

झूमर झलके अम्बा ना,
गोरा गाल पे रे,

मेरे बाबा तुझे किसने सजाया, दिल गया हार सांवरे (Mere Baba Tujhe Kisne Sajaya Dil Gaya Haar Sanware)

मेरे बाबा तुझे किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे,

क्या लेके आया जग में क्या लेके जाऐगा (Kya Leke Aaya Bande Kya Leke Jayega)

क्या लेके आया बन्दे,
क्या लेके जायेगा,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।