गजानंद जी ने, ल्यावो रे मनाय, वारी जाऊं (Gajanand Ji Ne Lavo Re Manay Vari Jaun)

गजानंद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में,

चरणन में देवा चरणन में,

गजानँद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में ॥

सूंड सुंडाला दुंद दूण्डाला,

म्हारी सभा में रंग बरसाय,

वारी जाऊं चरणन में,

गजानँद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में ॥


पार्वती रा पुत्र हो प्यारा,

शिव शंकर रा राज दुलार,

वारी जाऊं चरणन में,

गजानँद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में ॥


चढ़न चढ़ावा चूरमो,

थारे लड्डुवन रो भोग लगाय,

वारी जाऊं चरणन में,

गजानँद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में ॥


रणत भवन स्यूं आवो गजानंद,

रिद्धि सिद्धि ने संग में लाय,

वारी जाऊं चरणन में,

गजानँद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में ॥


गजानंद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में,

चरणन में देवा चरणन में,

गजानँद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में ॥


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होली खेल रहे नंदलाल(Holi Khel Rahe Nandlal)

होली खेल रहे नंदलाल
वृंदावन कुञ्ज गलिन में ।

तेरे दर जबसे ओ भोले, आना जाना हो गया(Tere Dar Jab Se O Bhole Aana Jana Ho Gaya)

तेरे दर जबसे ओ भोले,
आना जाना हो गया,

महिमा भोलेनाथ की सुनाएंगे (Mahima Bholenath Ki Sunayenge)

जय जय नमामि शंकर,
गिरिजापति नमामि शंकर,

षटतिला एकादशी पर ना करें ये काम

षटतिला एकादशी भगवान विष्णु जी को समर्पित है। हर साल माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है।

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