झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी (Jjhulan Chalo Hindolana Vrashbhanu Nandni)

झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी,

झूलन चलो हिडोलना, वृषभान नंदनी।


सावन की तीज आई, नवघोर घटा छाई,

सावन की तीज आई, नवघोर घटा छाई,

नवघोर घटा छाई,

मेघन झड़ी लगाई, पड़ी बूँद मंदिनी,

॥ झूलन चलो हिडोलना...॥


सुंदर कदम की डारी, झूलो पड़यो है प्यारी,

सुंदर कदम की डारी, झूलो पड़यो है प्यारी,

झूलो पड़यो है प्यारी,

देखो उमर किशोरी, सब दुख निकंदिनि,

॥ झूलन चलो हिडोलना...॥


पहरो सुरंग सारी, मानो विनय हमारी,

पहरो सुरंग सारी, मानो विनय हमारी,

मानो विनय हमारी,

मुखचंद्र की उजियारी, मृदुभाष नंदिनी,

॥ झूलन चलो हिडोलना...॥


झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी,

झूलन चलो हिडोलना, वृषभान नंदनी।

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हमारे साथ श्री रघुनाथ, तो किस बात की चिंता (Hamare Sath Shri Raghunath Too Kis Baat Ki Chinta)

हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता ।

मासिक दुर्गाष्टमी स्तोत्र

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस साल मासिक दुर्गा अष्टमी का पहला व्रत 07 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी (Jyeshth Maas Ki Shukla Paksh Ki Nirjala Ekaadashi)

एक समय महर्षि वेद व्यास जी महाराज युधिष्ठिर के यहाँ संयोग से पहुँच गये। महाराजा युधिष्ठिर ने उनका समुचित आदर किया, अर्घ्य और पाद्य देकर सुन्दर आसन पर बिठाया, षोडशोपचार पूर्वक उनकी पूजा की।

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