जरी की पगड़ी बांधे, सुंदर आँखों वाला (Jari Ki Pagri Bandhe Sundar Ankhon Wala)

जरी की पगड़ी बांधे,

सुंदर आँखों वाला,

कितना सुंदर लागे बिहारी,

कितना लागे प्यारा,

जरी की पगड़ी बाँधे ॥


कानों में कुण्डल साजे,

सिर मोर मुकुट विराजे,

सखियाँ पगली होती,

जब जब होठों पे बंसी बाजे,

हैं चंदा यह सांवरा,

तारे हैं ग्वाल बाला,

कितना सुंदर लागे बिहारी,

कितना लागे प्यारा,

जरी की पगड़ी बाँधे ॥


जरी की पगड़ी बांधे,

सुंदर आँखों वाला,

कितना सुंदर लागे बिहारी,

कितना लागे प्यारा,

जरी की पगड़ी बाँधे ॥


लट घुंघराले बाल,

तेरे कारे कारे गाल,

सुन्दर श्याम सलोना,

तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल,

हवा में सर सर करता,

तेरा पीताम्बर मतवाला,

कितना सुंदर लागे बिहारी,

कितना लागे प्यारा,

जरी की पगड़ी बाँधे ॥


जरी की पगड़ी बांधे,

सुंदर आँखों वाला,

कितना सुंदर लागे बिहारी,

कितना लागे प्यारा,

जरी की पगड़ी बाँधे ॥


मुख पे माखन मलता,

तू बल घुटने के चलता,

देख यशोदा भाग्य को,

देवों का मन भी जलता,

माथे पे तिलक है सोहे,

आँखों में काजल डारा,

कितना सुंदर लागे बिहारी,

कितना लागे प्यारा,

जरी की पगड़ी बाँधे ॥


जरी की पगड़ी बांधे,

सुंदर आँखों वाला,

कितना सुंदर लागे बिहारी,

कितना लागे प्यारा,

जरी की पगड़ी बाँधे ॥


तू जब बंसी बजाए,

तब मोर भी नाच दिखाए,

यमुना में लहरें उठती,

और कोयल कू कू गाए,

हाथ में कँगन पहने,

और गल वैजंती माला

कितना सुंदर लागे बिहारी,

कितना लागे प्यारा,

जरी की पगड़ी बाँधे ॥


जरी की पगड़ी बांधे,

सुंदर आँखों वाला,

कितना सुंदर लागे बिहारी,

कितना लागे प्यारा,

जरी की पगड़ी बाँधे ॥

........................................................................................................
रामनवमी की पौराणिक कथा

सनातन धर्म में श्रीराम का विशेष महत्व है। इसलिए हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष के नौवें दिन श्रीराम के निमित्त रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था।

कार्तिगाई दीपम पौराणिक कथा

कार्तिगाई दीपम का पर्व मुख्य रूप से तमिलनाडु, श्रीलंका समेत विश्व के कई तमिल बहुल देशों में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

प्यारे हनुमान एक काम कर दे (Pyare Hanuman Ek Kaam Kar De)

राम के दुलारे एक काम कर दे,
प्यारे हनुमान एक काम कर दे,

कनकधारा स्तोत्रम् (Kanakdhara Stotram)

अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्तीभृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम्।
अङ्गीकृताऽखिल-विभूतिरपाङ्गलीलामाङ्गल्यदाऽस्तु मम मङ्गळदेवतायाः॥1॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने