मनोज मुंतशिर रचित भए प्रगट कृपाला दीनदयाला रीमिक्स (New Bhaye Pragat Kripala Bhajan By Manoj Muntashir)

श्री राम जानकी कथा ज्ञान की

श्री रामायण का ज्ञान

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।

हरषित महतारी, मुनि मन हारी,

अद्भुत रूप बिचारी ॥


जुग-जुग से हमने पलक बिछायी

तुम्हरी राह बुहारी

तब भाग जागे हैं आज हमारे

आई नाथ सवारी


हनुमान केसरी मात जानकी

सबके साथ बिराजो

लो द्वार खुले हैं आज हृदय के

सबके साथ बिराजो

लो द्वार खुले हैं, आज ह्रदय के

आओ राम विराजो


भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।

हरषित महतारी, मुनि मन हारी,

अद्भुत रूप बिचारी ॥


सुख लौटे सारे साथ तुम्हारे

मान हर्षे है रघुनंदन

ये चरण तुम्हारे छूके माटी

अवध की हो गयी चंदन

पग धोने को है, व्याकुल सरयू

कृपा करो अवतारी

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।


भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।

हरषित महतारी, मुनि मन हारी,

अद्भुत रूप बिचारी ॥

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हे पुरुषोत्तम श्रीराम, करूणानिधान भगवान (Hai Purushottam Shri Ram Karuna Nidhan Bhagwan)

हे पुरुषोत्तम श्रीराम,
करूणानिधान भगवान ॥

धन्वंतरि की पूजा कैसे करें?

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भगवान राम और माता शबरी के बीच का संवाद

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सुनलो बाबा बजरंगी, मैं कैसे तुझे रिझाऊं (Sunlo Baba Bajrangi Main Kaise Tujhe Rijhaun)

सुनलो बाबा बजरंगी,
मैं कैसे तुझे रिझाऊं,

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