नमो नमो हे भोले शंकरा(Namo Namo Hey Bhole Shankara)

मैंने पाया नशा है,

मेरा बस तुझमे,

मेरे भोले मेरे भोले,

छोड़ चिंता मिली हूँ,

मैं तो बस तुझमे,

मेरे भोले मेरे भोले,

नमो नमो हे भोले शंकरा,

शंकरा भोले शंकरा ॥


मैंने शंखो से अर्जी है भेजी तुझे,

पूरी मस्ती में डूबी मैं पूजूँ तुझे,

तूने बरसाई गंगा यहाँ सब पे,

रोज दर्शन किया है,

तेरा मैंने मुझमे,

नमो नमो हे भोलें शंकरा,

शंकरा भोले शंकरा ॥


डमरू पे ये नाचे मन ऐसे,

मिल जाता हूँ मुझसे मैं जैसे,

शिव तेरे है रंग हजारों,

एक रंग मैं देखूं कैसे,

मेरी किस्मत का चंदा,

है तेरे सर पे,

मेरे भोले मेरे भोले,

नमो नमो हे भोलें शंकरा,

शंकरा भोले शंकरा ॥


मैंने पाया नशा है,

मेरा बस तुझमे,

मेरे भोले मेरे भोले,

छोड़ चिंता मिली हूँ,

मैं तो बस तुझमे,

मेरे भोले मेरे भोले,

नमो नमो हे भोले शंकरा,

शंकरा भोले शंकरा ॥

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नरसिंह द्वादशी व्रत विधि

नरसिंह द्वादशी सनातनियों का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान विष्णु के अवतार नरसिंह को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपने प्रिय भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु ने रौद्र रूप में अवतार लिया था, जिन्हें लोग आज नरसिंह भगवान के रूप में पूजते हैं।

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ(Hey Raja Ram Teri Aarti Utaru)

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ
आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ,

माँ तेरे लाल बुलाए आजा(Maa Tere Lal Bulaye Aaja)

माँ तेरे लाल बुलाए आजा,
सुनले भक्तो की सदाए आजा,

भूमि पूजन विधि

किसी भी व्यक्ति के लिए घर उसका मंदिर होता है। इसी कारण से जब वो अपने घर के निर्माण कार्य की शुरुआत करता है, उससे पहले भूमि का पूजन करवाता है।

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