बनेंगे सारे बिगड़े काम, प्रभु श्री राम को पूजो (Banenge Sare Bigde Kaam Prabhu Shri Ram Ko Pujo)

बनेंगे सारे बिगड़े काम,

प्रभु श्री राम को पूजो,

यही विष्णु यही घनश्याम,

प्रभु श्री राम को पूजो ॥


ना होगी धुप की चिंता,

ना कोई भी फिकर होगी,

सुहानी होगी सुबहो शाम,

प्रभु श्री राम को पूजो ॥


बनो हनुमान के जैसा,

प्रभु श्री राम में तुझको,

नज़र आएँगे चारो धाम,

प्रभु श्री राम को पूजो ॥


वो कल नल नील केवट और,

विभीषण सा तुम्हारा भी,

जगत में होगा ऊँचा नाम,

प्रभु श्री राम को पूजो ॥


अयोध्या में गया जो भी,

वही कहता है ‘सुर’ सबसे,

मिलेगा चित्त को आराम,

प्रभु श्री राम को पूजो ॥


बनेंगे सारे बिगड़े काम,

प्रभु श्री राम को पूजो,

यही विष्णु यही घनश्याम,

प्रभु श्री राम को पूजो ॥

........................................................................................................
भानु सप्तमी पर सूर्यदेव की पूजा विधि

माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर सूर्यदेव की पूजा की जाती है। रथ सप्तमी को भानु सप्तमी और अचला सप्तमी भी कहा जाता है। भानु सप्तमी के दिन भगवान भास्कर की पूजा करने से आरोग्य का वरदान मिलता है।

रावण से जुड़ी है अखुरथ संकष्टी कथा

पौष माह में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का पूजन किया जाता है जो कि हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय देवता हैं।

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa)

प्रथम वंदनीय गणेशजी को समर्पित मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की आराधना का विशेष महत्व है।

कब है गणेश जयंती

प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है। इसे विनायक चतुर्थी अथवा वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।