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जय लक्ष्मीरमणा, श्री जय लक्ष्मीरमणा।
सत्यनारायण स्वामी, जनपातक हरणा॥
ॐ जय लक्ष्मीरमणा....
रत्नजड़ित सिंहासन, अद्भुत छवि राजे।
नारद करत निराजन, घंटा ध्वनि बाजे॥
ॐ जय लक्ष्मीरमणा...
प्रगट भये कलि कारण, द्विज को दर्श दियो।
बूढ़ो ब्राह्मण बनकर, कंचन महल कियो॥
ॐ जय लक्ष्मीरमणा...
दुर्बल भील कठारो, जिन पर कृपा करी।
चन्द्रचूड़ एक राजा, तिनकी विपति हरी॥
ॐ जय लक्ष्मीरमणा....
वैश्य मनोरथ पायो, श्रद्धा तज दीनी।
सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर स्तुति कीन्हीं॥
ॐ जय लक्ष्मीरमणा....
भाव भक्ति के कारण, छिन-छिन रूप धर्यो।
श्रद्धा धारण कीन्हीं, तिनको काज सर्यो॥
ॐ जय लक्ष्मीरमणा....
ग्वाल बाल संग राजा, वन में भक्ति करी।
मनवांछित फल दीनो, दीनदयाल हरी॥
ॐ जय लक्ष्मीरमणा....
चढ़त प्रसाद सवायो, कदली फल मेवा।
धूप दीप तुलसी से, राजे सत्यदेवा॥
ॐ जय लक्ष्मीरमणा....
सत्यनारायणजी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
ॐ जय लक्ष्मीरमणा....
जय लक्ष्मीरमणा, श्री जय लक्ष्मीरमणा।
सत्यनारायण स्वामी, जनपातक हरणा॥
ॐ जय लक्ष्मीरमणा....
|| बोलिये सत्यनारायण भगवान की जय ||
सत्यनारायण जी की आरती किसी भी दिन की जा सकती है, लेकिन इन दिनों में करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है:
1. पूर्णिमा: पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण जी की आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
2. पूर्णिमा के बाद का पहला गुरुवार: पूर्णिमा के बाद का पहला गुरुवार सत्यनारायण जी की आरती करने के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
3. गुरुवार: गुरुवार का दिन सत्यनारायण जी को समर्पित है, इसलिए इस दिन आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
4. सत्यनारायण पूजा के दिन: सत्यनारायण पूजा के दिन सत्यनारायण जी की आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
इसके अलावा, आप सत्यनारायण जी की आरती किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं, जैसे कि:
- सुबह सूर्योदय के समय
- शाम सूर्यास्त के समय
- रात्रि में दीपक जलाने के समय
- सत्यनारायण जी की आरती का शुभ समय सूर्यास्त के लगभग 7 से 8 बजे के बीच होता है। भगवान सत्यनारायण जी की पूजा के बाद भी आरती की जाती हैं।
सत्यनारायण जी की आरती के लाभ:
1. सत्यनारायण जी की आरती करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
2. आरती करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
4. आरती करने से घर में धन और समृद्धि की वृद्धि होती है।
5. आरती करने से भगवान सत्यनारायण की कृपा से सभी बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं।
6. आरती करने से आत्मिक शांति और मानसिक संतुष्टि प्राप्त होती है।
मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का एक विशेष महत्व है, यह दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का होता है।
प्रभु राम का बनके दीवाना,
छमाछम नाचे वीर हनुमाना,
यह व्रत अति प्राचीन है। इसका प्रचलन महाभारत से भी पूर्व का है। यह व्रत सौभाग्यवती महिलाओं के लिए उत्तम माना गया है।
ओ शंकरा मेरे शिव शंकरा,
बालक मैं तू पिता है,
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल, तिरूअनंतपुरम (Shri Padmanabhaswamy Mandir, Kerala, Thiruvananthapuram)
श्रीसोमेश्वर स्वामी मंदिर(सोमनाथ मंदिर), गुजरात (Shri Someshwara Swamy Temple (Somnath Temple), Gujarat)
ॐकारेश्वर महादेव मंदिर, ओमकारेश्वर, मध्यप्रदेश (Omkareshwar Mahadev Temple, Omkareshwar, Madhya Pradesh)
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर - नेल्लोर, आंध्र प्रदेश (Sri Ranganadha swamI Temple - Nellore, Andhra Pradesh)
यागंती उमा महेश्वर मंदिर- आंध्र प्रदेश, कुरनूल (Yaganti Uma Maheshwara Temple- Andhra Pradesh, Kurnool)
श्री सोमेश्वर जनार्दन स्वामी मंदिर- आंध्र प्रदेश (Sri Someshwara Janardhana Swamy Temple- Andhra Pradesh)
Shri Sthaneshwar Mahadev Temple, Thanesar, Kurukshetra (स्थानेश्वर महादेव मंदिर, थानेसर, कुरुक्षेत्र)
अरुल्मिगु धनदायूंथापनी मंदिर, पलानी, तमिलनाडु (Arulmigu Dhandayunthapani Temple, Palani, Tamil Nadu)
गोमटेश्वर बाहुबली मंदिर, श्रवणबेलगोला, कर्नाटक (Gommateshwara Bahubali Temple, Shravanabelagola, Karnataka)
श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर इस्कॉन चौपाटी मुंबई (Sri Sri Radha Gopinath Temple, ISKCON Chowpatty, Mumbai)
TH 75A, New Town Heights, Sector 86 Gurgaon, Haryana 122004
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