नवीनतम लेख
नवीनतम लेख
जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी।
सूरज के पुत्र प्रभु, छाया महतारी॥
जय देव, जय देव
श्याम अंग वक्र-द्रष्टि, चतुर्भुजा धारी।
निलाम्बर धार नाथगज की असवारी॥
जय देव, जय देव
क्रीट मुकुट शीश सहज, दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माल गले, शोभित बलिहारी॥
जय देव, जय देव
मोदक और मिष्ठान चढ़े, चढ़ती पान सुपारी।
लोहा, तिल, तेल, उड़द, महिषी है अति प्यारी॥
जय देव, जय देव
देव दनुज ऋषि मुनि, सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान, शरण हम तुम्हारी॥
जय देव, जय देव
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूरज के पुत्र प्रभु, छाया महतारी॥
जय देव, जय देव
बोलिये नीलवर्ण छायापुत्र श्रीशनिदेव की जय
1. शनिवार: शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है, इसलिए इस दिन आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
2. अमावस्या: अमावस्या के दिन शनि देव की आरती करना शुभ माना जाता है।
3. पूर्णिमा: पूर्णिमा के दिन शनि देव की आरती करना भी शुभ माना जाता है।
4. शनि जयंती: शनि जयंती के दिन शनि देव की आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
इसके अलावा, आप शनि देव की आरती किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं, जैसे कि:
- सुबह सूर्योदय के समय
- शाम सूर्यास्त के समय
- रात्रि में दीपक जलाने के समय
आरती करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। आरती के दौरान शनि देव की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें और दीपक जलाएं। आरती के बाद, प्रसाद वितरित करें।
1. शनि की साढ़े साती से मुक्ति: शनि देव की आरती करने से शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिलती है।
2. दुर्भाग्य से मुक्ति: शनि देव की आरती करने से दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है।
3. करियर में सफलता: शनि देव की आरती करने से करियर में सफलता मिलती है।
4. आर्थिक संकट से मुक्ति: शनि देव की आरती करने से आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है।
5. स्वास्थ्य में सुधार: शनि देव की आरती करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
6. मानसिक शांति और संतुष्टि: शनि देव की आरती करने से मानसिक शांति और संतुष्टि मिलती है।
7. नेगेटिविटी से बचाव: शनि देव की आरती करने से नेगेटिविटी से बचाव होता है।
8. आध्यात्मिक विकास: शनि देव की आरती करने से आध्यात्मिक विकास होता है।
9. पापों का नाश: शनि देव की आरती करने से पापों का नाश होता है।
10. मोक्ष की प्राप्ति: शनि देव की आरती करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म में पूरे साल में आने वाली सभी 24 एकादशियों में से प्रत्येक को विशेष माना जाता है। उन्हीं में से एक षटतिला एकादशी है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी कहते हैं।
शिव की जटा से बरसे,
गंगा की धार है,
स्वामीनारायण जयंती हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान स्वामीनारायण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
घुमतड़ा घर आवो,
ओ म्हारा प्यारा गजानन,
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल, तिरूअनंतपुरम (Shri Padmanabhaswamy Mandir, Kerala, Thiruvananthapuram)
श्रीसोमेश्वर स्वामी मंदिर(सोमनाथ मंदिर), गुजरात (Shri Someshwara Swamy Temple (Somnath Temple), Gujarat)
ॐकारेश्वर महादेव मंदिर, ओमकारेश्वर, मध्यप्रदेश (Omkareshwar Mahadev Temple, Omkareshwar, Madhya Pradesh)
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर - नेल्लोर, आंध्र प्रदेश (Sri Ranganadha swamI Temple - Nellore, Andhra Pradesh)
यागंती उमा महेश्वर मंदिर- आंध्र प्रदेश, कुरनूल (Yaganti Uma Maheshwara Temple- Andhra Pradesh, Kurnool)
श्री सोमेश्वर जनार्दन स्वामी मंदिर- आंध्र प्रदेश (Sri Someshwara Janardhana Swamy Temple- Andhra Pradesh)
Shri Sthaneshwar Mahadev Temple, Thanesar, Kurukshetra (स्थानेश्वर महादेव मंदिर, थानेसर, कुरुक्षेत्र)
अरुल्मिगु धनदायूंथापनी मंदिर, पलानी, तमिलनाडु (Arulmigu Dhandayunthapani Temple, Palani, Tamil Nadu)
गोमटेश्वर बाहुबली मंदिर, श्रवणबेलगोला, कर्नाटक (Gommateshwara Bahubali Temple, Shravanabelagola, Karnataka)
श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर इस्कॉन चौपाटी मुंबई (Sri Sri Radha Gopinath Temple, ISKCON Chowpatty, Mumbai)
TH 75A, New Town Heights, Sector 86 Gurgaon, Haryana 122004
Our Services
Copyright © 2024 Bhakt Vatsal Media Pvt. Ltd. All Right Reserved. Design and Developed by Netking Technologies