शनिदेव की पूजा कैसे करें?

इस विधि से करें शनिदेव की पूजा, जानें पूजन सामग्री और महत्व 


हिंदू धर्म में शनिदेव को कर्मफलदाता कहा जाता है। इनके पास व्यक्ति के सभी कर्मों का लेखा-जोखा रहता है और उसी के हिसाब से व्यक्ति को शुभ और अशुभ परिणाम मिलते हैं। ऐसी मान्यता है कि इनकी पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को शनिदोष से छुटकारा मिल जाता है और जीवन में चल रही सभी परेशानियां भी दूर हो जाती है। 


आपको बता दें, शनिदेव की पूजा शनिवार के दिन करना शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव व्यक्ति को रंग से राजा भी बना सकते हैं। अगर व्यक्ति ने अच्छे कर्म किए हों। अब ऐसे में अगर आप शनिवार के दिन शनिदेव की कर रहे हैं, तो किस विधि से करना उत्तम माना जाता है। पूजा सामग्री क्या है और शनिदेव की पूजा किस समय करना सही है। इसके बारे में विस्तार से इस लेख में जानते हैं। 



शनिदेव की पूजा के लिए सामग्री क्या है? 


  • शनिदेव की मूर्ति
  • काला तिल
  • सरसों का तेल
  • शमी का पत्ता
  • नीले फूल
  • धूप और दीप
  • नैवेद्य
  • काला धागा
  • पान, सुपारी और दक्षिणा
  • गंगाजल 
  • अक्षत
  • चंदन



शनिदेव की पूजा किस विधि से करें?

 

अगर आप शनिदेव की पूजा कर रहे हैं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शनिदेव की प्रतिमा के सामने पूजा न करें और उनकी आंखों में न देखें। इससे साढ़ेसाती दोष लग सकता है।


  • शनिदेव की पूजा के लिए शनिवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है।
  • शनिवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • शनिदेव की मूर्ति को स्नान कराएं और उन्हें फूल, चंदन, अक्षत और जल चढ़ाएं।
  • शनिदेव को प्रिय तेल का दीपक जलाएं। आप सरसों का तेल या तिल का तेल का उपयोग करें।
  • शनिदेव को काले तिल और काले उड़द चढ़ाएं।
  • शनिदेव की पूजा करने के बाद शनि चालीसा का पाठ विशेष रूप से करें। 
  • शनिदेव का पूजा करने के दौरान मंत्रों का जाप अवश्य करें। 
  • ऊं शं शनैश्चराय नमः
  • शनिदेव का पूजा करने के बाद उनकी आरती करें। 
  • शनिदेव की आरती करने के बाद दान-पुण्य जरूर करें। 
  • शनिदेव की पूजा करने के बाद पीपल के पास दीपक जरूर जलाएं। 
  • शनिदेव की पूजा करते समय काले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।



शनिदेव की पूजा किस समय करना चाहिए? 


शनिदेव की पूजा के लिए शनिवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है और शनिदेव की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में करें या फिर सूर्यास्त के बाद करें। इस समय करना शुभ माना जाता है। 



शनिदेव की पूजा करने से मिलते हैं ये लाभ


शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति के किए गए बुरे कर्मों का शुद्धिकरण होता है और अच्छे कर्मों का फल मिलता है।  शनिदेव की कृपा से व्यक्ति को जीवन में आने वाले दुःखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है। शनिदेव की पूजा करने से कई तरह के रोगों से छुटकारा मिलता है। शनिदेव की कृपा से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और धन में वृद्धि होती है।  शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति को नौकरी और व्यापार में सफलता मिलती है। शनिदेव की कृपा से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान मिलता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष है तो शनिदेव की पूजा करने से उस दोष का निवारण होता है।


........................................................................................................
श्री विन्धेश्वरी चालीसा (Shri Vindheshwari Chalisa)

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब ।
सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब ॥

पौष मास है छोटा पितृ पक्ष

पौष मास को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है। सूर्यदेव के कन्या राशि में आने पर होने वाले मुख्य पितृ पक्ष के अलावा इस माह में भी श्राद्ध तथा पिंडदान के अलावा भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा का भी विशेष महत्व है।

नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे(Nandrani Kanhaiya Jabar Bhayo Re)

नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥

कब मनाई जाएगी धनु संक्रांति

सनातन धर्म में भगवान सूर्य को ग्रहों का राजा बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि जिसकी राशि में भगवान सूर्य शुभ होते हैं, उसका सोया हुआ भाग्य भी जाग उठता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।